12 बे ऊक-चूक होगा अर ताजूब कर आपसरी म बुजबा लाग्या क, “अठै ओ काँई होर्यो ह?”
थे म्हानै अणजाणी सीख बताओ हो, जणाई म्हें आको मतबल जाणबो चावां हां।”
जणा बो आँदो मंगतो भीड़ क पगा की उवाज सुणर बुज्यो, “ओ काँई होर्यो ह?”
जणा बो एक दासनै बुलार बुज्यो, ‘ओ काँई होर्यो ह?’
पतरस बि दरसाव क बारां म सोचई रिह्यो हो क ओ काँई होबो चाए अत्ता मई कुरनेलियुस का भेजेड़ा मिनख समोन का घर को ठिडो बुजता बिका बारना पई आर खड़्या होगा।
बे सगळा ऊक-चूक होगा अर ताजूब म पड़र बोल्या, “अ सगळा जखा बोलर्या ह अ गलिली कोनी के?
अर जद ईसु आपकी बाता बानै खे सुणाई, जणा बि भीड़नै ईसु की सीख प ताजूब होयो।
क्युं क हेरोद राजा यहून्नाऊँ डरतो हो। अर जाणतो हो क यहून्ना एक परमेसर को खरो अर धरमी मिनख ह। इ बजेऊँ बो बिकी रूखाळी करतो हो। अर हेरोद यहून्ना की बातानै सुणर बोळो घबरातो हो। इकै पाछै बी बिनै यहून्ना की बाता चोखी लागती ही।
जामैऊँ जलमजात यहूदि अर यहूदि धरमनै मानबाळा हां, अर आपणा मऊँ क्युंक करेती अर अरबऊँ बी आएड़ा हीं। पण आपा सगळा अठै परमेसर का ताजूब का कामा की चरचा आपणी खुदकी भासा मई सुणर्या हां।”