जणा मोटी बात आ ह क थारा जीवन की उठ बेठ खाली मसी का चोखा समचार जोगी होणी चाए; जिऊँ म थारै बारां म आई सुणू क थे एकई मकसद ताँई खड़्या हो अर एकई मनस्या राख'र चोखा समचारऊँ मिलेड़ा बिस्वास ताँई कड़ी मेनत करतार्यो हो, चाए म थानै आर देखूँ चाए नइ देखूँ,
पोलुस इफिसुसऊँ बारै-बारै होर जाबा की मन म कर राखी ही, क्युं क बो एसिया म टेम काटबो कोनी चातो हो, क्युं क बो पेन्तिकूस हाळै दिन ताँई यरूसलेम पुगबा की तावळ्या म हो।