7 बे मूसिया क कनै पुगर बितूनिया जाबो चावा हा पण ईसु की पबितर आत्मा बानै बठै बी जाबा कोनी दि।
क्युं क म, इ बातनै आछ्यां जाणू हूँ क, थारी अरदास अर ईसु मसी की पबितर आत्मा कानिऊँ मिलेड़ा साराऊँ म केदऊँ छुट जास्युं।
ज थारै म परमेसर को पबितर आत्मा बास करै ह जणा थे काया का सुभाव गेल कोनी जीओ पण पबितर आत्मा गेल जीओ हो। क्युं क जिमै मसी को पबितर आत्मा बास कोनी करै बो मसी को कोनी।
म ईसु मसी को भेजेड़ो चेलो पतरस, आ चिठी परमेसर का टाळेड़ा मिनखानै मांडूँ हूँ। जखा पिन्तुस, गलातिया, कपुदूकिया, एसिया अर बितूनिया परदेसा म तीनतेरा होगा।
जदकी थे तो बिका बेटा हो, अर परमेसर आपका बेटा की पबितर आत्मानै जखी हे अब्बा, हे परम-पिता बोलर हेलो देवै ह, आपणा हिया म भेज्यो ह।
जणा पबितर आत्मा फलिपूसऊँ बोल्यो, “इ रथ क सागै होले।”
परमेसर की खेबाळा म बाई पबितर आत्मा ही, जखी मसी म ह। आ आत्मा बानै बताई क मसीनै दुख भोगणो पड़सी अर इकै पाछै बिकी मेमा होसी। परमेसर की खेबाळा ओबी जाणबो चाता हा क ओ कद अर कंय्यां होसी।
अर जिको करार मेरो परम-पिता मेरूँ कर्यो ह बा पबितर आत्मा म थारै ताँई भेजस्युं। पण थे बि दिन ताँई इ नगरी मई टिक्या रेहज्यो जद ताँई थानै पबितर आत्माऊँ सक्ति कोनी मिलज्या।”
जणा बे मूसियाऊँ होर तरोआस म आया।