8 लुस्तरा म एक अंय्यां को मिनख हो जिकी टांग्या म जमाई जान कोनी ही बो जलमऊँई लंगड़ो हो।
अर बठै क्युंक मिनख एक जलम का लंगड़ा मिनखनै रोजकी ल्यार मनदर क बारना म बिठा देता। अर बि बारनानै बठै का मिनख “सोवणो बारनो” खेता हा जठै बो मनदर म जाबाळाऊँ भीक माँगतो हो।
ज आ थे इ लंगड़ा मिनख क सागै होई भलाई क बारां म पुछाताछी करर्या हो क बो कंय्यां निरोगो होयो।
बो अपाईज बोल्यो, “स्याणो, मेरै कनै कोई कोनी जखो पाणी हालताई मनै इ जोह्ड़ी म उतार सकै। अर जद ताँई म खुद कोसिस करूं बिऊँ पेलीई कोई दुसरो इमै कूद पड़ै ह।”
जणा बानै इको पेल्याई बेरो पड़गो अर बे बाकै आबाऊँ पेलीई लिकोनिआ का लुस्तरा अर दिरबे नाम की नगर्या अर कनै का इलाका म भाग छुट्या।
बि नगरी म बे परमेसर का समचार सुणार बोळा चेला बणार लुस्तरा अर इकोनियुम होताहोया पिसदिआ का अंताकीया म आगा,
इकै पाछै पोलुस दिरबे अर लुस्तरा म गयो बठै बिनै तिमूतियूस नाम को एक चेलो मिल्यो जिकी माँ यहूदि बिस्वासण ही पण बिको बाप यूनानी हो।
मेर प होया जुलमा, अर मेरा दुखानै देख्यो। अन्ताकीया, इकोनियुम अर लुस्तरा म जोक्यु होयो हो अर कंय्यां-कंय्यां का दुखदाई जुलमानै भोग्यो हो बानै तू जाणै ह। पण परबु मनै बाऊँ बचायो।