10 जोरऊँ बोल्यो, “खड़्यो हो।” अर अत्ती खेताई बो खड़्यो होगो अर उछळबा कुदबा लागगो।
म थारूँ सच बोलुँ हूँ, जखो बी मेर म बिस्वास करै ह, बो बे सगळा काम करसी जखा म करूं हूँ। बो आऊँ बी बडा काम करसी, क्युं क म परम-पिता कनै जाऊँ हूँ।
जणा ईसु गया अर अरथी क हात लगाया अर कांध्या हा जखा डटगा। जणा ईसु बोल्या, “मोट्यार म तेरूँ खेऊँ हूँ उठ।”
पण ज मेरा दियड़ा पाणी मऊँ कोई पिसी जणा बो ओज्यु कदैई कोनी तिसायो होसी। बि पाणीऊँ जखो म बानै देस्युँ, बिऊँ बे अजर-अमर जीवन ताँई जीवन देबाळा पाणी को झरनो बणज्यासी।”