51 जणा पोलुस अर बरनाबास बानै चेताबा ताँई आपकै पगा की धूळ झाड़र बठैऊँ इकोनियुम चलेगा।
अर ज कोई थारो मान कोनी करै अर नइ थारी बाता सुणै जणा थे बि घर अर बि नगरीऊँ बारनै आर थारी पगा की धूळ झाड़ दिज्यो। अंय्यां कर थे बानै आ चेता दिज्यो क परमेसर बानै सजा देसी क्युं क बे बिकी बात कोनी सुणी।
पण जद बे मिनख पोलुस को बिरोद अर बिकी बुराई करबा लागगा जणा बो आपको पल्लो झाड़ लिओ अर बोल्यो, “थारी करनी थेई पाओ! इमै मेरी कोई जुबाबदारी कोनी अर इबऊँ म गैर-यहूदि मिनखा क कनै जास्युं।”
अर जि जठै थारी सुणाई कोनी होवैक जणा बठै का मिनखानै चेताबा ताँई थारा पगा की धूळ झाड़ दिज्यो।”
बि नगरी म बे परमेसर का समचार सुणार बोळा चेला बणार लुस्तरा अर इकोनियुम होताहोया पिसदिआ का अंताकीया म आगा,
इकै पाछै अंताकीया अर इकोनियुम नगर्याऊँ क्युंक यहूदि आर भीड़नै भड़कार खुद म मिला लिओ। अर बे पोलुसनै भाठाऊँ मार'र बिनै मरेड़ो समजर बिनै नगरी क बारनै घिसर गेर दिआ।
इकोनियुम म पोलुस अर बरनाबास अरदास करबाळी झघा म गया अर बठै उपदेस दिआ जिऊँ यहूदि अर यूनानी, बोळा मिनख बिस्वास कर्या।
अर कोई गाँव अर नगरी म थारी आवभगत नइ होवै जणा थे बि नगरी अर गाँवऊँ बारनै चल्या जाओ अर बाकै खिलाप बानै चेताबा ताँई थे थारै पगा की धूळ बी बठैई झाड़ दिज्यो।”
बो मिनख लुस्तरा अर इकोनियुम का बिस्वासी भाया म पेठहाळो हो।
मेर प होया जुलमा, अर मेरा दुखानै देख्यो। अन्ताकीया, इकोनियुम अर लुस्तरा म जोक्यु होयो हो अर कंय्यां-कंय्यां का दुखदाई जुलमानै भोग्यो हो बानै तू जाणै ह। पण परबु मनै बाऊँ बचायो।
‘थारी नगरी की धूळ जखी म्हारै पगा क लागरी ह, बा म्हें थानै चेताबा ताँई थारै सामैई झाड़ां हां। पण कान खोलर सुणल्यो परमेसर को राज सांकड़ैई आग्यो ह।’