44 इकै पाछै आगला अरामहाळा दिन करीब सगळी नगरी परबु को बचन सुणबा ताँई भेळी होई।
आ सुणर बि नगरी का मिनख ईसु कनै आगा अर बाऊँ अरदास करबा लाग्या क बो अठैऊँ चल्यो जावै।
अर बे बठैऊँ चालर पिसदिआ का अंताकीया म आया अर अरामहाळा दिन अरदास करबाळी झघा म जार बेठगा।