16 अर बठिनै पतरस कुआड़ खुड़कातो रिह्यो जणा बे कुआड़ खोल्या अर बिनै सामै देखर सुन्ना होगा।
बे बिऊँ कह्या, “तू बावळी तो कोनी होगी ह? ओ कंय्यां हो सकै ह।” पण बा तो आपकी बात प अड़ी री जणा जार बे कह्या, “हो सकै ह क ओ बिको ईस्बर नगरी दुत होगो।”
जणा बो मुंडा प आँगळी धर बानै इसारो कर्यो क चुप रेह्वै अर बो बानै बे सगळी बाता बताई क परबु कंय्यां बिनै जेळऊँ अजाद कर्यो। अर ओ ओडार क, “याकूब अर दुसरा भाई-भाणानै बी आ बात बता दिज्यो,” बो बठैऊँ दुसरी झघा चलेगो।
बिकै कुआड़ खुड़काबा प रूदे नाम की एक दासी बारना प आई।