42 अर बो म्हानै हेलो पाड़बा अर गुवाई देबा को आदेस दिओ की परमेसर बिनैई मरेड़ा अर जीवता को न्याय करबाळो बणायो ह।
क्युं क आपा इ काया म जीर जखो बी भलो-बुरो काम कर्या हां बिको फळ पाबा ताँई मसी क न्याय सिंघासन क सामै पक्कोई खड़्यो होणो पड़सी।
पण बानै, बिनै जखो जीवता अर मरेड़ा को न्याय करसी, लेखो देणो पड़सी।
मसी ईसु जखो राजा क रूप म आसी अर सगळा जीवता अर मरेड़ा को न्याय करसी बिनै अर परमेसरनै गुवा मानर म तनै आदेस देऊँ हूँ,
क्युं क एक दिन परमेसर पेल्याऊँ ते करेड़ा मिनख क हातऊँ जगत का मिनखा को सचाई क सागै न्याय करसी। इ बात को सबूत देबा ताँई परमेसर बिनै मरेड़ा मऊँ जीवायो।”
ईसु सगळा मिनखाऊँ बोलै ह, “सुणो, म तावळोई आऊँ हूँ। अर सागै थारा करमा गेल थारै ताँई फळ ल्याऊँ हूँ।
ईस्बर नगरी म उठाया जाबाऊँ पेली बो पबितर आत्मा की सक्तिऊँ खुदका ग्यारा भेजेड़ा चेलानै जानै बो टाळ्या बानै काँई-काँई करबो ह , बा कामा को हुकम दिओ।
“देखो, बो बादळा क सागै आर्यो ह,” अर “हरेक आँख बिनै देखसी, अठै ताँई बे बी जखा बिनै मार्या हा।” अर धरती का सगळा कूणबा का मिनख “बि ताँई छाती पिटसी।” अंय्यांई होसी! अंय्यांई होवै।
अर इब ईस्बर नगरी म जीत को इनाम मनै उडिकर्यो ह, जिनै धरमी न्यायी परबु आखरी दिन मनै देसी। मनै एकलानैई नइ पण बा सगळानै बी जखा परेम क सागै बिकै परगट होबानै उडिकीं हीं।
“मनदर म जार खड़्या होवो अर इ नया जीवन की सगळी बाता मिनखानै सुणाओ।”
पण जद पबितर आत्मा थानै मिलसी जणा थारै म परमेसर की सक्ति आज्यासी अर थे यरूसलेम, सगळा यहूदिआ, सामरीया का इलाका अर धरती का इ कूणाऊँ बि कूणा ताँई मेरा गुवा होस्यो।”
क्युं क मेरै पाच भाईड़ा ओर हीं ओ जार बानै चेतासी कमऊँ कम बे, इ पिड़ा हाळी झघा म आबाऊँ बच ज्यासी।’
मिनख का बेटानै तो मरनोई ह जंय्यां की परमेसर ते कर्यो ह। पण हाय बि मिनख प जखो बिनै पकड़ासी।”
पण जद पोलुस धारमिक्ता, खुद प काबू राखबो अर परमेसर को मिनखा प आबाळा न्याय का दिन क बारां म बोलबा लाग्यो जणा फेलिक्स डरगो अर बोल्यो, “इब तो तू जा कदै ओज्यु मोको पड़सीक जणा तनै बुलास्युं।”
अ बाता चोखा समचार गेल जिको म परचार करूं हूँ बि दिन होसी जि दिन परमेसर मसी ईसु क जरिए मिनखा की लुखेड़ी बाता को न्याय करसी।