23 जणा बो बानै मांयनै बुलार बाकी आवभगत करी। दुसरा दिन बो उठर बाकै सागै गयो अर क्युंक याफा का भाईड़ा बी बिकै सागै होलिआ।
अर पबितर आत्मा मनै बाकै सागै बिना झिजक क जाबा ताँई बोल्यो, अर अ छ बिस्वासी भाईड़ा बी मेरै सागै होलिआ, अर म्हें बि मिनख क घरा गया।
पतरस क सागै आएड़ा सुन्नत होयड़ा यहूदि बिस्वासी आ देखर ऊक-चूक होगा की पबितर आत्मा को बरदान जखा गैर-यहूदि हीं बानै बी दिओ जार्यो ह।
थे बिना बड़बड़ाया एक दुसरा की आवभगत कर्या करो।
अर अणजाण की आवभगत करबो मना भूलज्यो, क्युं क अंय्यां करर कई मिनख अणभोळ म ईस्बर नगरी दुता की आवभगत करीं ह।
क्युं क म्हें परबु की नजर्या मई नइ, पण मिनखा की नजर्या म बी ईमानदार रेह्बो चावां हां।
जणा म हात की हात तेरै कनै मिनख भेज्या, अर तू बी ठिक कर्यो जखो आकै सागै आगो। अर इब म्हें परमेसर क आगै इ ताँई भेळा होर्या की जोक्यु तनै परबु ओडायो ह बे सगळी बाता तेरूँ सुण सकां।”
जणाई तो थे जद मनै बुलाया जणा म बिना क्युं बोल्याई आगो। इब थे मनै बताओ, मनै क्याले बुलवाया हो?”
आ बात सगळा याफा नगरी म फेलगी अर बोळाजणा परबु का नाम प बिस्वास कर्या।
याफा नगरी लुद्दा नगरी क सारैई ही, चेला आ सुण क पतरस लुद्दा नगरी म आयड़ो ह बिकन दो मिनखानै भेज्या क बे बिऊँ अरदास करै क, “बिना देर कर्या दया कर म्हारै कनै आज्या।”
जणा पाछै बा दिना म पतरस बा बिस्वासी भाई-भाणा म खड़्यो होर बोल्यो जखा गिणत-माणत का एक सो बिस हा,
बठै याफा नगरी म तबिता नाम की एक बिस्वासी रिह्या करती ही जिनै यूनानी भासा म दोरकास खेवै ह जिको मतबल हिरणी होवै। बा बोळा चोखा-चोखा काम कर्या करती अर गरीबानै दान दिआ करती ही।
अर जद रोम का बिस्वासी भाई म्हारै बारां म सुण्या जणा बे म्हारूँ मिलबा ताँई अपियुस का बजार अर तीन सराया ताँई आया। बानै देखर पोलुस परमेसर को धनेवाद दिओ अर इऊँ बिनै बोळी हिमत मिली।