12 बिपै धरती का च्यार टांगा हाळा अर रिंगबाळा ज्यानबर अर आसमान का पंछी हा।
त्युंहार का आखरी दिन, जखो त्युंहार को बडो दिन हो। बि दिन ईसु खड़्यो होर जोरकी उवाज म बोल्यो, “जखो तिसायो ह बो मेरै कनै आवै अर पिवै।
अर बिनै दिख्यो क आसमान खुलगो अर च्यारू कूणाऊँ लटकायड़ी एक बडीसारकी चादर निचै धरती प उतररी ही।
बिनै सुण्यो, “पतरस खड़्यो हो आनै मार'र खाले।”
अर म काँई देख्यो क बिमै धरती का च्यार टांगा का ज्यानबर, रिंगबाळा अर आसमान म उडबाळा पंछी हा।
अर बे नइ मिटबाळा परमेसर की मेमानै नास होबाळा मिनख, पंछ्या, जानबर अर पेटपल्याणा चालबाळा जिनावरा की मूरत्या म बदल दिआ।