11 अर बाऊँ बोल्या, “अरै गलिली मिनखो, खड़्या-खड़्या आसमान म काँई देखर्या हो? ओ ईसु जिनै थारै मऊँ ईस्बर नगरी म उठायो गयो ह ओ जंय्यां गयो ह बंय्यांई पाछो आसी।”
“देखो, बो बादळा क सागै आर्यो ह,” अर “हरेक आँख बिनै देखसी, अठै ताँई बे बी जखा बिनै मार्या हा।” अर धरती का सगळा कूणबा का मिनख “बि ताँई छाती पिटसी।” अंय्यांई होसी! अंय्यांई होवै।
क्युं क परबु खुदई ईस्बर नगरीऊँ जोरका हेला क सागै आदेस, परधान दुत की ललकार अर परमेसर की तुरई की उवाज क सागै उतरसी, अर मसी म जखा मरग्या बे पेल्या जी उठसी।
जणा लोग मिनख का बेटानै महासक्ति अर मेमा क सागै बादळा प आतो देखसी।
बठै थारै ताँई झघा बणाया पाछै म थानै लेबा आस्युं। बिकै पाछै आपा सागैई रेहस्यां।
“मिनख को बेटो जद ओज्यु आसी। जणा बो आपकी मेमा अर ईस्बर नगरी दुता क सागै आसी। बो एक राजा की जंय्यां आपका मेमाभर्या सिंघासन प बेठसी।
बि टेम अकास म मिनख का बेटा की आबा की सेलाणी दिखसी, जणा धरती का सगळा कूणबा का मिनख छाती पिटसी अर मिनख का बेटानै मेमा अर सक्ति क सागै बादळा म आतो देखसी।
जद मिनख को बेटो ईस्बर नगरी दुता क सागै परम-पिता की मेमा म आसी जणा बो मिनखानै बाका कामा गेल फळ देसी।”
अर बिकाळा बेटा ईसु मसीनै ईस्बर नगरी मऊँ ओज्यु आबानै उडिको हो, जिनै बो मरेड़ा मऊँ ओज्यु जीवायो हो, अर बोई आपानै परमेसर का आबाळा परकोपऊँ बचा सकै ह।
जणा पाछै लोग मिनख का बेटानै मेमा भरी सक्ति क सागै बादळा म आता देखसी।
अर बो बानै जखा बिकै सागै गलिलऊँ यरूसलेम आया हा, बोळा दिना ताँई दिखतो रिह्यो अर इब बेई मिनखा क सामै बिका गुवा हीं।
जणा बे बानै देखर डर क मारी धरती म निची घूण घाली। बे दोन्यु जणा बाऊँ कह्या, “जखो जिंदो ह बिनै मरेड़ा म क्युं ढुंढो हो?
आ देखर पतरस बा मिनखाऊँ बोल्यो, “अरै इजरायल का रेह्बाळो थे सगळा क्याले ताजूब करो हो। अर म्हानै अंय्यां आँख्या पा'ड़र क्याले देखर्या हो जंय्यां म्हेई इनै म्हारी सक्ति अर भगतीऊँ निरोगो कर्या होवां?
बे सगळा ऊक-चूक होगा अर ताजूब म पड़र बोल्या, “अ सगळा जखा बोलर्या ह अ गलिली कोनी के?
पतरस ओज्यु नटगो थोड़ी देर क पाछै बठै खड़्या मिनखा मऊँ कई बोल्या, “सचमई तू बामैऊँ एक ह, क्युं क तू बी तो गलिल को ह।”
ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थानै सची खेऊँ हूँ अठै खड़्या मिनखा मऊँ कई तो अंय्यां का हीं क बे जद ताँई मिनख का बेटानै बिका राज म आतो नइ देखलीं जद ताँई बे कोनी मरै।”
अ सारी बाता बोलबा क पाछै ईसु ईस्बर नगरी म उठा लिओ गयो अर परमेसर क दाया नाकै जार बेठगो।
ईस्बर नगरी म उठाया जाबाऊँ पेली बो पबितर आत्मा की सक्तिऊँ खुदका ग्यारा भेजेड़ा चेलानै जानै बो टाळ्या बानै काँई-काँई करबो ह , बा कामा को हुकम दिओ।
आ खेर बो बाकै देखता-देखताई ईस्बर नगरी म उठा लिओ गयो अर एक बादळी बिनै ढक लिनी।
मसी बि दिन ताँई ईस्बर नगरी म रेह्सी जद ताँई बे सगळी बाता पेली जंय्यां कोनी होज्यावै। जानै परमेसर आपकी खेबाळा पबितर मिनखा क मुंडाऊँ बोळी पेल्याई खुवायो ह।
बंय्यांई मसी बी बोळा मिनखा का पापनै धोबा ताँई एकर बलिदान होयो; अर मसी बा मिनखा ताँई जखा बिनै उडिकै ह बाका पाप धोबा ताँई नइ पण बाका छुटकारा ताँई दुसरकै परगट होसी।