12 अंय्यां का मिनखानै परबु ईसु मसी म म्हें आदेस देवां हां अर समजावां हां क, बे हद म रेह्वै अर खुद कमार खावीं।
थानै ध्यान रेह्वै, थे दुसरा क सागै मेळमिलापऊँ रेह्वो। थारो ध्यान थारा काम मई रेह्वै, अर खुद कमार खाओ बंय्यांई करो जंय्यां म्हें थानै आदेस दिआ हां,
जखा चोरी करीं हीं बानै चोरी करनी छोडर भला कामा म मेनत कर खुद ताँई कमाणो चाए अर गरीबानै दान देणो चाए।
अर कोईकिई फोकट की रोटी कोनी खाई; पण रात-दिन मेनत अर दुख उठार काम-धंधो करता हा, जिऊँ थार प बोज कोनी बण्या।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें थारूँ ईसु मसी का नामऊँ आ अरदास करां अर थानै समजावां हां क जंय्यां थे म्हारूँ परमेसरनै राजी करबाळो जीवन जिबो सीख्यो, अर बंय्यांई जीओ बी हो। जणा म्हें चावां हां क, थे बिमै ओर बी बेत्ती बढता जाओ।
म्हारी रोजकी रोटी रोजकी म्हानै द्यो।
राजा-म्हराजा अर सगळा अधिकार्या ताँई अरदास करी जावै। जिऊँ आपा सुक-स्यांती क सागै भगती अर सरदाऊँ परमेसर ताँई जीवन जी सकां।