14 परमेसर थानै चोखा समचार की बजेऊँ बुलायो ह, जिऊँ थे बी आपणा परबु ईसु मसी की मेमा म सामिल होवो। ओ बि चोखा समचार क जरिए होयो ह जिकी सीख म्हें थानै दिनी ही।
थारै मऊँ हरेकनै हिमत बंधाता, तसली देता अर समजाता हा क थारो चाल-चलन परमेसर जोगो होवै जखो थानै आपका राज अर मेमा म बुलावै ह।
परमेसर जखो दया को दाता ह। बोई थानै मसी म जुग-जुग ताँई आपकी की मेमा ताँई बुलायो ह। अर थारै थोड़ोसोक दुख भोगबा क पाछै बो खुदई थानै मजबूत, ताकतबर अर पक्को बणासी।
क्युं क ओ चोखो समचार थारै कनै बोली रूप मई कोनी पुग्यो पण सक्ति, पबितर आत्मा अर इकै सच की पुक्ताई क सागै पुग्यो ह। जंय्यां थे जाणोई हो क, म्हें थारा भला ताँई थारै मांयनै कंय्यां जिया।
अर ज आपा बिकी ओलाद हां जणा परमेसर का वारिस अर मसी क सागै पाँतीवाळ बी हां, ज आपा बिकै सागै दुख म पाँतीवाळ हां जणा बिकै सागै मेमा म बी पाँतीवाळ हां।
जखो जीतै ह, बिनै म मेरै दाया नाकै मेरा सिंघासन प बिठास्युं। जंय्यां म जित्यो अर मेरा परम-पिता क सागै बिका सिंघासन प बेठ्यो।
ज आपा थ्यावस क सागै दुख भोगस्यां, जणा आपा बिकै सागै राज बी करस्यां। ज आपा बिऊँ मुंडो फेरां, जणा बो बी आपणाऊँ मुंडो फेरसी।
अर म आ बी माँगु हूँ क बिका च्यानणानै देखबा ताँई थारा मन की आँख्या खुलज्यावै जिऊँ थे जाणल्यो क बा कूणसी आस ह जि ताँई बो थानै बुलायो ह? अर बा आ ह क परमेसर का मिनखा म बिऊँ मिलबाळी मेमाभरी पाँती कत्ती मोकळी ह।
बिकी बडाई होवै जखो थानै, ईसु मसी का संदेस, जि चोखा समचार को म हेलो पाड़ूँ हूँ अर परमेसर का परगट होयड़ा बि भेदभर्या सच गेल जखो जुगादऊँ लुखेड़ो हो, मजबूत बणाबा की सक्ति राखै ह।
अ बाता चोखा समचार गेल जिको म परचार करूं हूँ बि दिन होसी जि दिन परमेसर मसी ईसु क जरिए मिनखा की लुखेड़ी बाता को न्याय करसी।
ओ परम-पिताजी, जखा मिनख थे मनै सूप्या हो म चाऊँ हूँ क बे बी बठै मेरै सागै होवीं जठै म हूँ, जिऊँ क बे बि मेमानै देख सकीं जखी थे मनै दिआ हो, क्युं क इ सरस्टिनै रचबाऊँ पेली थे मेरूँ परेम कर्यो।
बा मेमा जखी थे मनै दिआ हो, बा म बानै दिओ हूँ जिऊँ बे बी एक हो सकीं जंय्यां आपा एक हा।
बिकी इ बातनै सुणर मालिक खयो, ‘स्याबास तू बिस्वास जोगो अर चोखो दास ह। तू थोड़ा म बिस्वास राख्यो इ ताँई म तनै ओर बोळी चिजा प अधिकार देस्युँ। आर मेरै सागै खुसी मना।’
नगरीनै सूरज अर चाँद की जुर्त कोनी ही क्युं क बा परमेसर की मेमा का च्यानणाऊँ चमकरी ही अर उन्यो नगरी को दिओ हो।
जीवन जीबा ताँई अर परबु की सेवा करबा ताँई जोक्यु बी आपणानै चाए हो, बो सक्यु परबु आपकी अनोरी सक्तिऊँ आपणानै दिओ ह। क्युं क आपा बिनै जाणा हां। बोई आपणानै आपकी धारमिक्ता अर मेमाऊँ बुलायो ह।