11 इ ताँई परमेसर बा मिनखा की बुदीनै बांद देसी जिऊँ परमेसर का नियम कायदानै तोड़बाळो बानै अरामऊँ भंगरा सकै, जि बजेऊँ बे मिनख बि बात प बिस्वास करसी जखी सच कोनी।
अर अठै ताँई बे परमेसरनै जाणबा को मोल कोनी जाण्या जणाई परमेसर बी बानै बाकी फालतु सोच प छोड दिओ, अर बे जखी नइ करनी चाए बे बाता करीं हीं।
बोळा झूठा परमेसर की खेबाळा आसी अर लोगानै भटकासी।
पबितर आत्मा साप-साप बोलै ह क, क्युंक टेम क पाछै क्युंक मिनख बिस्वास करबो छोड देसी, बे ओपरी बलाया की सीखनै मानसी अर भंगराबाळी आत्मा क कह्या म चालसी।
क्युं क म्हारो उपदेस झूठो, धोको देबाळो अर छळकपट करबाळो कोनी,
म थानै अंय्यां इ ताँई बोलुँ हूँ क्युं क मेरै नामऊँ बोळा आसी अर खेसी, ‘म मसी हूँ।’ अंय्यां बोलर बे बोळा मिनखानै धोको देसी।
बे खुदका कानानै सच सुणबाऊँ बंद करलेसी अर बेतुक की क्हाण्या म ध्यान लगा लेसी।