के थे ओ कोनी जाणो क, थे कोई क हाता म खुदनै दास की जंय्यां सूपो हो जणा थे बिको कह्यो मानबा ताँई बिका गुलाम हो। जणा पाछै चाए थे मरबा ताँई पाप का दास बणो नहिस कह्यो करबाळा बणो जखो थानै धारमिक्ता कानि लेज्यासी।
पण डरपोक, परमेसर म बिस्वास नइ करबाळा, भरस्ट, हत्यारा, कुकरमी, जादू-टोणा करबाळा, मूरती धोकबाळा अर झूठा मिनखानै तिजाब हाळा नरक का भबकती आग का कूंड म गेर्यो जासी। आई दुसरी मोत ह।”
जिनै जुग-जुग बण्या रेह्बाळा परमेसर का हुकमाऊँ परमेसर की खेबाळा का लेखा क जरिए सगळा गैर-यहूदि मिनखा प परगट कर बता दिओ गयो ह, जिऊँ बामै बिस्वासऊँ पैदा होबाळी कह्यो मानबा की मनस्या पैदा होवै।