17 ओ लाडलो, थे पेल्याऊँई आ बातानै जाणर चेता म रेह्ओ, जिऊँ थे बुराई करबाळा की बाता म आर थारी मजबूतिनै नइ खो द्यो।
क्युं क ज आपा पेलड़ा बिस्वास म आखीर ताँई मजबूत बण्या रेहस्यां जणाई आपा मसी का पाँतीवाळ बणस्यां।
सचमई मसी ईसु जखो मिनख बणर आयो बिमै परमेसर को सगळो सुभाव भरपूरी क सागै बास करै ह। इ ताँई थे बेमतबल की जिरै-बाजीऊँ समळर रेह्ओ कदै कोई थानै आको गुलाम नइ बणाले क्युं क अ मसी कानिऊँ नइ पण मिनखा का रिती-रिवाजा अर जगत प राज करबाळी आत्मा कानिऊँ आवै ह।
जिऊँ आपा टाबरपुणो नइ करां। जिऊँ आपा मिनखा का ठगपुणा अर चतराईऊँ अर बाकी भंगराबाळी सीख म आर इनै-बिनै भटकता नइ फिरां।
इ ताँई मेरा लाडला बिस्वास्यो, बिस्वास म मजबूत बण्या रेह्ओ अर जमाई संका मना करो। अर परबु का काम म खुदनै लगाया राखो। क्युं क थे जाणो हो क परबु ताँई करेड़ो काम बेकार कोनी जावै।
इ ताँई जखो अंय्यां सोचै क, “म बिस्वास म मजबूत हूँ,” बो ध्यानऊँ रेह्वै क कदै अंय्यां नइ होज्या क बो बिस्वासऊँ गुड़ जावै।
“थे बा परमेसर की खेबाळाऊँ बचर रेहज्यो जखा झूठ बोलै ह! बे लल्डी की खोळ म पाड़ खाबाळा ल्याळी हीं।
क्युं क अंय्यां का मिनख आपणा परबु मसी की नइ पण आपकी इंछ्या की सेवा करीं हीं। अर अ आपकी मिठी-मिठी अर चापलुसी की बाताऊँ भोळा-भाळा मिनखा को हियो छळी हीं।
तू बी बिऊँ समळर रेह्जे, क्युं क बो आपा जखो चोखो समचार सुणावां हां बिको बोळो बिरोद कर्यो ह।
पण मनै डर ह क्युं क कदै अंय्यां नइ होज्या क जंय्यां हवानै जखी धरती की सऊँ पेली नारी ही बिनै साँप चतराईऊँ भंगरा दिओ हो, बंय्यांई थारा हियानै नइ भंगरा दे जिमै मसी ताँई थारी खरी भगती अर ईमानदारी ह।
जणा ईसु बानै चेतार ओडायो, “थे फरिसी अर सदुकीया का खमिरऊँ बचर रेहज्यो।”
अर बे भेजेड़ा चेलाऊँ उपदेस सुणबा, संगती करबा, एक सागै परबुनै याद करबा ताँई रोटी तोड़बा अर अरदास करबा म रमग्या।
थारै क्युंई पलै कोनी पड़ै, म थानै रोट्या ताँई कोनी पण थानै फरिसीया अर सदुकीया की बातानै नइ मानबा ताँई बोलुँ हूँ। क्युं क आकी बाता खमिर की जंय्यां काम करै ह।”
इ ताँई चेता म आ अर आ सोच क तू कठैऊँ गिर्यो, तू तौबा कर अर पेल्या की जंय्यां काम कर, अर ज तू अंय्यां कोनी करसी जणा म तेरै कनै आर तेरा दिपदानानै बि झघाऊँ हटा देस्युँ।
बिस्वास म मजबूत होर सेतान को सामनो करो , क्युं क थे ओ जाणो हो की थारा भाईड़ा जखा इ दुनिया म च्यारूमेर फेलर्या हीं बे थारोसो दुख भोगर्या हीं।
बंय्यां तो म कायाऊँ थारूँ दूर हूँ पण आत्माऊँ थारै कनै हूँ, म राजी हूँ अर सुणर्यो हूँ क थे सई ढंगऊँ हो अर मसी म थारो बिस्वास मजबूत ह।
बा कमिणा, गंडक्ड़ाऊँ ध्यानऊँ रेह्ओ जखा चोखा समचारऊँ छेड़-छाड़ करीं हीं। बुरा काम करबाळा अर काया की सुन्नत करबा प जोर देवीं हीं बाऊँ ध्यानऊँ रेह्ओ।
म थारूँ अ बाता इ ताँई बोली ह क जद बा घड़ी आवै जणा थानै याद आवै क म पेल्याई थानै अ बाता बता दिनी ही। अ बाता म थानै पेली इ ताँई कोनी बताई क्युं क म थारै सागै हो।
जखा बी नेम-कायदानै मानबा की बजेऊँ परमेसरनै राजी करबो चावीं, बिको मतबल ह क बे मसीऊँ न्यारा होगा हीं अर परमेसर की दयाऊँ दूर हीं।
पण लुत धरमी मिनख हो इ ताँई परमेसर बिनै बचा लिओ। बो पापी मिनखा क पाप करबा की बजेऊँ दुखी होतो हो।
ओ लाडलो, आ मेरी दुसरी चिठी ह जखी म थानै मांडी ह, अर म मेरी आ दोन्यु चिठ्या म थानै याद दिवायो हूँ क थानै पबितर हियो राखबो चाए।