11 जदकी अ सगळी चिजा नास होबाळी ह जणा पाछै थे सोचो थारो परमेसर म चाल-चलन किसोक होणो चाए? थानै पबितर जीवन जिबो चाए।
पण जंय्यां थानै आपका होबा ताँई बुलाबाळो परमेसर पबितर ह, बंय्यांई थे जोक्युबी करो बो पबितर होणो चाए।
जणा मोटी बात आ ह क थारा जीवन की उठ बेठ खाली मसी का चोखा समचार जोगी होणी चाए; जिऊँ म थारै बारां म आई सुणू क थे एकई मकसद ताँई खड़्या हो अर एकई मनस्या राख'र चोखा समचारऊँ मिलेड़ा बिस्वास ताँई कड़ी मेनत करतार्यो हो, चाए म थानै आर देखूँ चाए नइ देखूँ,
परमेसरनै नइ ध्यारबाळा मिनख थानै बुरा बतावीं हीं। इकै वावजुद बी बाकै मांयनै थारो बरताव अर चाल-चलन चोखो राखो। जिऊँ जखी चोखी बाता बे थारै म देखसी बा बेई बे न्यायहाळा दिन परमेसर की मेमा करसी।
अर थानै परमेसर का न्याय का दिननै उडिकबो चाए। बो दिन तावळो आवै इकी थानै कोसिस करबो चाए। बि दिन आसमान आगऊँ बळ ज्यासी अर बाकी की चिजा पिघळ ज्यासी।
पण तू, जखो परमेसरनै मानबाळो ह, आ सगळी बाताऊँ दूर रेह्जे, पण धारमिक्ता, भगती, बिस्वास, परेम, थ्यावस अर दिनता म बण्यो रेह।
थार म स्याणो अर समजदार कूण ह? अर ज कोई अंय्यां को ह जणा बो आनै आपका चोखा जीवनऊँ, नरमाई अर बुदीऊँ भर्या कामाऊँ दिखावै।
पण आपा तो ईस्बर नगरी का रेह्बाळा हां, अर आपणानै बचाबाळा परबु ईसु मसी की जखो ईस्बर नगरीऊँ आबाळो ह आस लगार बाट उडिकर्या हां।
जीवन जीबा ताँई अर परबु की सेवा करबा ताँई जोक्यु बी आपणानै चाए हो, बो सक्यु परबु आपकी अनोरी सक्तिऊँ आपणानै दिओ ह। क्युं क आपा बिनै जाणा हां। बोई आपणानै आपकी धारमिक्ता अर मेमाऊँ बुलायो ह।
ज कोई, बि सई अर आपणा परबु ईसु मसी की ईस्बरीय सीखनै, नइ मानै अर क्युं न्यारोई सीखावीं,
तनै कोई क सामैई निचो नइ देखणो पड़ै क्युं क तू जवान ह, पण बोली-चाली, चाल-चलन, प्यार-परेम, बिस्वास अर खराई म तू बिस्वास्या क सामै नमूनो बणज्या।
बे मिनख ताजूब म पड़गा, अर आपसरी म बतळाबा लाग्या, “ओ कूण ह? जिकी बाता तौफान अर दरिआव बी मानै ह!”
अर देखबा क पाछै बठैऊँ चल्यो जावै ह अर तावळोई भूल जावै ह क बो कंय्यां को दिखै ह।
कोई कोनी नट सकै क, भगती को भेद कंय्यां को म्हान ह, बो जखो मिनख जूण म परगट होयो, पबितर आत्मा जिनै धरमी बतायो, अर ईस्बर नगरी दुत जिनै देख्या, देस-देस म बिको परचार कर्यो गयो, जगत म बिपै बिस्वास कर्यो गयो, अर ईस्बर नगरी म उठा लिओ गयो।
क्युं क ओ चोखो समचार थारै कनै बोली रूप मई कोनी पुग्यो पण सक्ति, पबितर आत्मा अर इकै सच की पुक्ताई क सागै पुग्यो ह। जंय्यां थे जाणोई हो क, म्हें थारा भला ताँई थारै मांयनै कंय्यां जिया।
परमेसर की भगती म राजी रेह्बाळो, इ सच म अमीर ह।
अर समजऊँ खुद प काबू राखबानै अर खुद प काबू राखबाऊँ थ्यावसनै अर थ्यावसऊँ परमेसर की भगतीनै,
थारो सुभाव धन को लालची नइ होवै, अर जोक्युबी थारै कनै ह, बिमई सबर राखो, क्युं क परमेसर बोल्यो ह, “म तनै कदैई कोनी छोडूँ, अर कदैई कोनी तजूं।”
म्हानै गुमान ह क म्हें साप अन्तर-आत्माऊँ आ खे सकां हां, क म्हें इ दुनिया का मिनखा क सागै अर खासकर थारै सागै परमेसर की खराई अर ईमानदारीऊँ रिह्या हां। अंय्यां म्हें परमेसरऊँ मिलबाळी दयाऊँ कर्या हां, दुनियादारीऊँ मिलबाळी बुदीऊँ नइ।
आज का टेमनै देखता अंय्यां कर, थे जाणो हो क निंदऊँ जागबा की घड़ी आगी ह। क्युं क इब आपणो छुटकारो बि टेमऊँ सांकड़ैई ह जद आपा बिस्वास कर्यो हो।
रात ढळबाळी ह, अर दिन उगबाळो ह। अँधेरा का काम करबो छोडो अर उजाळा का हतियार उठाल्यो।
परबु क ओज्यु आबा को दिन चोर की जंय्यां चाणचुक आज्यासी। बि दिन आसमान जोरऊँ गरजसी अर बो सुजसी कोनी। अर आसमान म जत्ता बी गरह ह बे तपर पिघळ ज्यासी, अर आ धरती अर इपै जोक्यु बी ह बो सक्यु बळ ज्यासी।