17 अ धोकेबाज मिनख सूकेड़ा कुआ की जंय्यां अर आँधी म उडबाळा बादळ की जंय्यां हीं। परमेसर आ ताँई नरक म अँधेरी झघा त्यार कर राखी ह।
जिऊँ आपा टाबरपुणो नइ करां। जिऊँ आपा मिनखा का ठगपुणा अर चतराईऊँ अर बाकी भंगराबाळी सीख म आर इनै-बिनै भटकता नइ फिरां।
म थानै बा दुता क बारां म बी याद दिलाबो चाऊँ हूँ, जखा आपका अधिकार का पदनै समाळर कोनी राख्या पण बि झघानै छोडर भाग्या जिनै परमेसर बानै रेह्बानै दिओ हो। जणा परमेसर बानै सदा ताँई की आग की भटी म न्यायहाळै दिन ताँई बंद कर दिओ, जिऊँ न्याय क दिन बानै सजा दे।
क्युं क परमेसर बा दुतानै जखा पाप कर्या हा बानैई कोनी बकस्यो। अर बानै पताळ क मांयनै अँधेरा कूंड म गेर दिओ, जिऊँ क बे न्यायहाळै दिन ताँई बिकै मांयनै केद रेह्वै।
इ ताँई इ दासनै जखो ख्याई जोगो कोनी बारनै काडो अर अँधेरा म पटक्याओ। जठै मिनख बार घाली अर दांत पिसै ह।’
बिनै चुपचालो देखर राजा आपका दासानै ओडायो, ‘इका हात पगानै बांदके बारनै अँधेरा म फेक द्यो जठै ओ दांत पिससी अर बार घालसी।’”
पण जखी पिडीनै राज मिलबाळो हो बिनै अँधेरा म गेर दिओ ज्यासी जठै रोबो अर दांत पिसबो होसी।”
थे तो बी बळता डूँगर क कनै कोनी गया जिकै हात अड़ायो जा सकै हो। अर नइ थे अँधेरा, घोर अँधकार अर भंबुळिया क कनै गया।