4 म, इ बातऊँ बोळो राजी हूँ क, थारा क्युंक टाबर सच प चालै ह जंय्यां क परम-पिता आपानै सच प चालबा ताँई हुकम दिओ हो।
क्युं क थे इब अँधकार म नइ पण परबु का उजाळा म हो, उजाळो भलाई, धारमिक्ता अर सच जंय्यां का फळ ल्यावै ह। इ ताँई उजाळा का टाबरा की जंय्यां जीओ।
अर प्यार-परेमऊँ जीवन बसर करो, जंय्यां मसी आपणाऊँ प्यार-परेम कर्यो अर परमेसर क सामै आपणै ताँई खुदकी भेंट चढा दि बिको आपणा ताँई ओ परेम चोखी सुगंद हाळी धूप की जंय्यां ह जखी परमेसरनै भावै ह।
अर जखोबी मिनख आ खेवै ह क, बो परमेसर म मजबूत ह, जणा बिनै ईसु मसी क जंय्यां जीवन जिबो चाए।
म परबु म बोळो राजी हूँ क अत्ता दिना पाछै थे ओज्यु मेरी चिंत्या करी; म आ कोनी खेऊँ क थे मेरी चिंत्या करबो छोड दिआ क्युं क म जाणू हूँ क थानै इनै दिखाबा को मोको कोनी मिल्यो।
अर म आ देखर क बे चोखा समचार की सचाई प खराईऊँ कोनी चालीं, जणा म सकै सामै केफाऊँ बोल्यो, “तू यहूदि होर बि गैर-यहूदि मिनखा की जंय्यां जीतो आर्यो ह, जणा गैर-यहूदि मिनखानै यहूदि मिनखा की जंय्यां जीबा ताँई क्यु खेवै ह?”
नइ बुराईऊँ राजी होवै ह पण सचाईऊँ राजी रेह्वै ह।