पण मेरो अंय्यां मांडबा को ओ मतबल ह क थे अंय्यां का मिनखाऊँ नातो मना राखज्यो जखा देख दिखाई का बिस्वासी भाई बणी हीं पण बे कुकरमी, लालची, मूरतीपुजबाळा, गाळीगळोच करबाळा, पियाचरी करबाळा अर ठग हीं। अंय्यां का मिनखा क सागै उठा-बेठी मना राखज्यो।
बाकै हात बे अंय्यां मांडर भेज्या क, “अंताकीया, सिरीया अर कलिकीया म रेह्बाळा गैर-यहूदि बिस्वासी भायानै भेजेड़ा चेला अर यरूसलेम की बिस्वासी मंडळी का मुखिया को नमस्कार।