मेरा लाडला बिस्वास्यो, थारै ताँई म्हानै पिता परमेसरनै धनेवाद देतो रेह्णो चाए अर ओ बाजीब बी ह, क्युं क थे बिस्वास म बोळा बढर्या हो। था सगळा म आपसरी म बोळो प्यार-परेम ह।
अर ज म परमेसर की बाता बताऊँ अर म सगळा भेद खोल सकूँ अर सगळो ज्ञान बी जाणल्युं, अर मनै अठै ताँई बिस्वास बी होवै क म डूँगरानै हटा सकूँ हूँ, पण परेम कोनी करूं, जणा म क्युंई कोनी।
परेम कदैई टळै कोनी; पण एक टेम आसी जद परमेसर की खेबाळा का बोलां की जुर्त कोनी रेह्सी; न्यारी-न्यारी बोली म बोलबा का बरदान की बी जुर्त कोनी रेह्सी; अर ज्ञान बी जातो रेह्सी।
अर बिकै अठै आबाऊँ बढर तो म्हें आ सुण्या क थे बिको चोखो आदरमान कर्यो जणा म्हानै ओर बी बेत्ती हिमत मिलगी। बो म्हानै बतायो क थे मेरूँ मिलबा ताँई कत्ता तरसो हो, थे थारा किया प सरमिंदा हो अर म्हारी चिंत्या करो हो अंय्यां सुणर म ओर बी राजी होयो।
थार प बी अ बाता लागू होवै ह क्युं क थे आत्मिक बरदान पाबा ताँई उतावळा हो, थे आ कोसिस कर्या करो क थारा आत्मिक बरदानाऊँ बिस्वासी मंडळी पबितर आत्मा म पक्की होवै।