2 थे थारा हिया म म्हानै झघा द्यो। म्हें नइ तो कोईकै सागै अन्याय कर्या हां, नइ कोईको क्युं बिगाड़्या हां, अर नइ म्हें कोईको फाईदो उठायो।
अर जद म थारै कनै हो जणा मनै कमी-घटी होई ही पण बि टेम बी म थार प कोई बोज कोनी गेर्यो। क्युं क मकीदुनियाऊँ मेरा बिस्वासी भाईड़ा आर मेरी सगळी जुर्ता पूरी करी। अर म हर बर खुदनै थार प बोज बणबाऊँ रोक्यो, अर आगै बी रोकस्युं।
म कोईका सोना-चाँदी अर कपड़ा को लालच कोनी कर्यो।
अर ज कोई थानै मसी की सीख कोनी देवै जणा थे बि मिनखनै थारै घर म मना आबा द्यो अर नइ बिकी आवभगत करज्यो।
क्युं क अंय्यां का मिनख आपणा परबु मसी की नइ पण आपकी इंछ्या की सेवा करीं हीं। अर अ आपकी मिठी-मिठी अर चापलुसी की बाताऊँ भोळा-भाळा मिनखा को हियो छळी हीं।
“जखो बी थारो मान करै ह, बो मेरो बी मान करै ह; अर जखो मेरो मान करै ह बो मनै अधिकार क सागै भेजबाळा परमेसर को बी मान करै ह।
अर ज कोई थारो मान कोनी करै अर नइ थारी बाता सुणै जणा थे बि घर अर बि नगरीऊँ बारनै आर थारी पगा की धूळ झाड़ दिज्यो। अंय्यां कर थे बानै आ चेता दिज्यो क परमेसर बानै सजा देसी क्युं क बे बिकी बात कोनी सुणी।
ज तू मनै तेरो साती समजै जणा तू बिकी बंय्यांई आवभगत करजे जंय्यां मेरी करै ह।
जणा इब म मेरा काळज्या का टुकड़ा उनेसिमुसनै तेरै कनै पाछो भेजूँ हूँ।
थे खुद अर परमेसर इ बात का गुवा हो क थारै बिस्वास्या म म्हारो भेवार कंय्यां को पबितर, धारमिक अर बेदाग हो।
मेरै सागै केद खाना म बंद अरिस्तखुस कानिऊँ थानै “जे मसी की” पुगै अर बरनाबास को भाई मरकुस बी थानै “जे मसी की बोल्यो ह” (मरकुस क बारां म थानै पेल्याऊँई आदेस मिलगो हो क जद मरकुस थारै कनै आवै जणा बिकी चोखी आवभगत करज्यो)
परबु म राजी होर भाई-भाई की जंय्यां बिऊँ मिलीयो अर बिकै जंय्यां का मिनखा को मान करिओ।
म ओज्यु खेऊँ हूँ, कोई मनै बावळो नइ जाणै। अर ज अंय्यां ह जणा मनै बावळो समजई मनै सेल्यो, जिऊँ म थोड़ो भोत गुमान ओर कर सकूँ।
म्हें बेसरमी का काम कोनी करां। नइ तो म्हें कपट राखां हां अर नइ झूठी बातानै परमेसर की कर बतावां हां। पण परमेसर क सामै म्हें सच बोलर्या हां अर जखा सचा हीं बेई इ बातनै जाणी हीं।
म्हानै गुमान ह क म्हें साप अन्तर-आत्माऊँ आ खे सकां हां, क म्हें इ दुनिया का मिनखा क सागै अर खासकर थारै सागै परमेसर की खराई अर ईमानदारीऊँ रिह्या हां। अंय्यां म्हें परमेसरऊँ मिलबाळी दयाऊँ कर्या हां, दुनियादारीऊँ मिलबाळी बुदीऊँ नइ।
अर जि नगरी म थारी आवभगत होवै। अर थारै सामै जोक्यु परूस्यो जाय बोई खाज्यो।