13 इ बजेऊँ म्हानै हिमत मिली। म्हानै हिमत मिलबा क अलावा तितूस क राजी होबाऊँ ओर बी बेत्ती खुसी होई, क्युं क थारी बजेऊँ बिकी आत्मानै स्यांती मिली।
पण दुखियारानै स्यांती देबाळो परमेसर तितूसनै म्हारै कनै भेजर म्हारी हिमत बंधाई।
चेता म रेहज्यो अर मजबूती क सागै बिस्वास म बण्या रेहज्यो। थे हिमत राखबाळा अर ठाडा बणो।
इ ताँई ज काया को एक अंग दुख पावै जणा बिकै सागै सगळा अंग दुख पावै ह अर ज एक अंगनै मान मिलै ह जणा सगळा अंग बिकै सागै राजी होवीं हीं।
अर म परमेसर की इंछ्या गेल राजी मनऊँ थारै कनै आर थारै सागै राजी हो सकूँ।
मेरी आखरी हिदायत आ ह क, थे सगळा मेळमिलापऊँ रेह्ओ, भलाई करो, प्यार-परेमऊँ भाईचारो राखो, तरस खाओ अर खुदनै छोटा बणाओ।
मेरा लाडला बिस्वासी भाई, ज तू मेरै ताँई आ बात करदे, जणा परबु ईसु मसी क नामऊँ मेरा काळज्या म ठंड पड़ज्या।
परबु उनेसिफुरूस क कूणबा प दया करै, क्युं क बो बोळीबर मनै सारो दिओ ह अर मेरै केद होबा की बजेऊँ बी सरमिंदा कोनी होयो।
बिनै थारै कनै भेजबा की म बोळी इंछ्या राखूँ हूँ जिऊँ बिनै पाछा देखर थे राजी होज्याओ अर इऊँ मेरो बी दुख कट ज्यासी।
बो जदबी आ याद करै ह क थे कंय्यां बिकी बात मान्या अर आदरमान क सागै कंय्यां बिकी मनवार करी ही जणा बिको परेम थारै बेई ओर बी बेत्ती उमड़ै ह।
पण बठै जद मनै बिस्वासी भाईड़ो तितूस कोनी लाध्यो जणा मेरा जीव म तसली कोनी आई। अर म बठैऊँ बिदा होर मकीदुनिया कानि चाल पड़्यो।
जणाई तो म थानै गेलड़ी चिठी म मांड्यो हो क जद म थारै कनै आऊँ जणा थारूँ जखा मनै सुक देवै ह बाऊँ दुखी नइ होऊँ। क्युं क मनै थारै उपर भरोसो ह क मेरी खुसी मई थारी खुसी ह।
जखा राजी हीं बाकै सागै राजी होवो अर जखा रोइ हीं बाकै सागै रोओ।
बे मेरी अर थारी आत्मानै राजी करी ह। इ ताँई अंय्यां का मिनख ईज्जत क जोगा हीं।
क्युं क म बिकै आगै थारी खूब बडाई करी ही, अर इ ताँई मनै निचो कोनी देखणो पड़्यो। पण जंय्यां म्हें थानै सची-सची बोल्या हां, बंय्यांई थारै बारां म म्हारो गुमान तितूस क सामै सचाई क सागै परगट होयो।
क्युं क मेरा बिस्वासी भाईड़ा, म तेरा प्यार-परेमऊँ बोळो राजी हूँ, अर बिऊँ मनै हिमत मिलै ह। तेरी बजेऊँ परमेसर का मिनखा का हिया राजी हीं।