अचरज, सक्तिसाली सेलाणी अर परमेसर की पबितर आत्मा की सक्तिऊँ मेरै जरिए पूरी कर्यो। जिऊँ म यरूसलेमऊँ लेर इलेरीकुम क च्यारूमेर मसी का चोखा समचार को हेलो पाड़बा को काम पूरो कर्यो।
पण इकै बारां म मेर कनै कोई पुक्ता बात कोनी जखी म रोम का राजानै मांडर भेजूँ। जणाई तो म इनै थारै सामै अर खास कर म्हराज अगरीपा! थारै सामै ल्यायो हूँ जिऊँ इ पुछाताछी क पाछै मेर कनै मांडबा ताँई क्युं होवै।