2 क्युं क बो बोल्यो ह, “म सई टेम प तेरी सुणली, अर म छुटकारा हाळै दिन तनै सारो दिओ।” सुणो! सई टेम अर “छुटकारा को दिन” ओई ह।
इ ताँई परमेसर ओज्यु एक खास दिन ते कर्यो अर बिनै नाम दिओ “आज” अर बो बोळा बरसा क पाछै दाऊद क जरिए बोल्यो, “ज थे आज बिकी उवाज सुणो, जणा थे थारा हियानै काठो मना करो।”
जद ताँई आज को दिन खुवावै ह रोजकी एक दुसरा की हिमत बंधाता रेहज्यो। जिऊँ थार मालो कोईसो बी पाप का धोका म आर आपका हियानै काठो नइ करै।
जणाई पबितर आत्मा खेवै ह, “ज थे आज बिकी उवाज सुणो,
अर बि टेम को हेलो पाड़ूँ जिमै परमेसर आपका मिनखानै बचासी।”
बे बिऊँ कह्या, “ईसु नासरी जार्यो ह।”