8 जणा आपानै हिमत राखबो चाए क्युं क खुदकी कायानै छोडर परबु क सागै बिका घर म रेह्बो चोखो ह।
इ ताँई आपानै सदाई हिमत राखबो चाए क्युं क आपा जाणा हां क जद ताँई इ काया म हां, जणा बि झघाऊँ दूर हा जठै आपा परबु क सागै रेहस्यां।
ओ लाडलो, इब आपा परमेसर का टाबर हां, पण आबाळा टेम म आपा काँई होस्यां इकै बारां म आपानै ज्ञान कोनी करायो गयो ह। पण चाए जखोबी हो आपा आ जाणा हां क जद मसी ओज्यु परगट होसी जणा आपा बिकै जंय्यां का होज्यास्यां, क्युं क जंय्यां बो ह बंय्यांई बिनै आपा देखस्यां।
बठै थारै ताँई झघा बणाया पाछै म थानै लेबा आस्युं। बिकै पाछै आपा सागैई रेहस्यां।
इ ताँई म्हारा हिया की इंछ्या तो आ ह क चाए धरती प रेह्वां चाए ईस्बर नगरी म रेह्वां पण परमेसरनै भाता रेह्वां।
बठै कोईबी सराप कोनी होसी। परमेसर अर उन्या को सिंघासन बि नगरी म होसी, अर बिका दास बिकी भगती करसी।
पण पोलुस बाऊँ बोल्यो, “थे ओ काँई करो हो? आ ढंगा रो-रोर थे मेरो मन कचो करो हो, म तो परबु ईसु का नामऊँ यरूसलेम म खाली बंदि बणबा ताँई नइ पण मरबा ताँई बी त्यार हूँ।”
ओ परम-पिताजी, जखा मिनख थे मनै सूप्या हो म चाऊँ हूँ क बे बी बठै मेरै सागै होवीं जठै म हूँ, जिऊँ क बे बि मेमानै देख सकीं जखी थे मनै दिआ हो, क्युं क इ सरस्टिनै रचबाऊँ पेली थे मेरूँ परेम कर्यो।
“परबु थे थारा कह्यानै पूरो कर्या हो इब थारो दास सुक-स्यांतीऊँ मर सकै ह।
मालिक बिनै बी बोल्यो, ‘स्याबास तू बी बिस्वास जोगो अर चोखो दास ह। तू बी थोड़ा म बिस्वास राख्यो इ ताँई म तनै बी बोळी चिजा प अधिकार देस्युँ। आर मेरै सागै खुसी मना।’
बिकी इ बातनै सुणर मालिक खयो, ‘स्याबास तू बिस्वास जोगो अर चोखो दास ह। तू थोड़ा म बिस्वास राख्यो इ ताँई म तनै ओर बोळी चिजा प अधिकार देस्युँ। आर मेरै सागै खुसी मना।’
जखो बी मेरी सेवा करबो चावै ह, बिनै मेरै गेल चालनो पड़सी जिऊँ क मेरा दास मेरै सागैई रेह्वै। जखो मेरी सेवा करसी, बानै मेरो परम-पिता मान देसी।