3 जिनै पेरबाऊँ आपा उघाड़ा कोनी रेहस्यां।
इ ताँई म तनै सला देऊँ हूँ क, तू मेरूँ आगऊँ तपाईड़ो सोनो मोल लेले जिऊँ तू पिसाळो होज्यावै। अर पेरबा ताँई मेरूँ धोळा गाबा बी मोल लेले, जिऊँ तेरो सरमिंदगी भर्यो नंगोपुणो ढक ज्यावै। अर तेरी आँख्या म घालबा ताँई सूरमो लेले जिऊँ तनै सुजबा लागज्या।
“चेता म रेह्वो, क्युं क म चोर की जंय्यां चाणचुक आऊँ हूँ! भागहाळा हीं बे जखा जागता रेह्वै ह, अर आपका गाबानै समाळै ह, जिऊँ बे सरमा नइ मरै।”
इ काया म आपा टसकता रेह्वां हां, अर नया गाबा की जंय्यां ईस्बर नगरी की कायानै पेरबा ताँई तड़पां हां।
आपा इ काया म होतासोता बोज क तळै दबर तड़पर्या हां, इकी बजे आ ह क आपा खुदकी कायानै बदलबो कोनी चावां पण इ काया म ईस्बर नगरी को जीवन जिबो चावां हां, जिऊँ मरबाळो जीवन अजर-अमर जीवन होज्यावै।