10 क्युं क आपा इ काया म जीर जखो बी भलो-बुरो काम कर्या हां बिको फळ पाबा ताँई मसी क न्याय सिंघासन क सामै पक्कोई खड़्यो होणो पड़सी।
जद मिनख को बेटो ईस्बर नगरी दुता क सागै परम-पिता की मेमा म आसी जणा बो मिनखानै बाका कामा गेल फळ देसी।”
ईसु सगळा मिनखाऊँ बोलै ह, “सुणो, म तावळोई आऊँ हूँ। अर सागै थारा करमा गेल थारै ताँई फळ ल्याऊँ हूँ।
याद राखो जखा चोखा काम करसी परबु मसी बा हरेकनै इनाम देसी चाएसै बो गुलाम हो अर चाएसै अजाद।
जणा सई टेम आबाऊँ पेली कोईबी बात को न्याय मना करो। परबु क आबा का टेमऊँ पेली आखरी न्याय कोनी होवै। बो अँधेरा म लुखेड़ी बातानै च्यानणा म ल्यासी अर चित का बिचारानै परगट करसी बी टेमई हरेक की बडाई परमेसर कानिऊँ होसी।
पण बानै, बिनै जखो जीवता अर मरेड़ा को न्याय करसी, लेखो देणो पड़सी।
क्युं क एक दिन परमेसर पेल्याऊँ ते करेड़ा मिनख क हातऊँ जगत का मिनखा को सचाई क सागै न्याय करसी। इ बात को सबूत देबा ताँई परमेसर बिनै मरेड़ा मऊँ जीवायो।”
अर बो म्हानै हेलो पाड़बा अर गुवाई देबा को आदेस दिओ की परमेसर बिनैई मरेड़ा अर जीवता को न्याय करबाळो बणायो ह।
म बिका टाबरानै मार गेरस्युं। जणा सगळी बिस्वासी मंडळ्या आ जाण ज्यासी क म हिया अर बुदीनै जाणबाळो हूँ। अर म हरेकनै बाका करमा गेल बदलो देस्युँ।
मिनख सुभाव होबा क नातै थे अ बाता कोनी समज सको इ ताँई म आम बोलचाल म समजार्यो हूँ क्युं क जंय्यां थे थारी काया का अंगानै असुद होबा अर अधरमनै बढाबा ताँई एक दास की जंय्यां काम लेता हा, जणा इब आनै धारमिक्ता ताँई जखी पबितरता कानि लेज्यावै दास होबा ताँई सूप द्यो।
म अ बाता थानै बुरो बताबा ताँई कोनी खेर्यो। पण जंय्यां पेल्या म थानै बतायो हो क थे म्हारा हिया म बसर्या हो, अर म्हें थारै सागै जीवां-मरां हां।
अ बाता चोखा समचार गेल जिको म परचार करूं हूँ बि दिन होसी जि दिन परमेसर मसी ईसु क जरिए मिनखा की लुखेड़ी बाता को न्याय करसी।
अर जंय्यां मिनखा ताँई एकर मरबो अर बिकै पाछै बिको न्याय होबो जरूरी ह,