13 पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह, “म बिस्वास कर्यो जणाई तो म बोल्यो।” बि बिस्वासऊँई म्हें बोलर्या हां क्युं क म्हारै म बिस्वास को आत्मा ह।
म्हारै कनै आ मेमा भरी आस ह जणाई म्हें बेधड़क बोलर्या हां।
अर पबितर आत्माऊँ कोईनै बिस्वास करबा ताँई बरदान अर कोईनै इ पबितर आत्माऊँ निरोगो करबा को बरदान दिओ जावै ह।
मेरो मतबल ओ ह क, जद म थारै सागै होऊँ जणा थानै मेरा अर मनै थारा बिस्वासऊँ हिमत मिलै।
म, समोन जिको नाम पतरस बी ह, जखो परबु ईसु मसी को दास अर भेजेड़ो चेलो हूँ। आ चिठी बा मिनखानै मांडूँ हूँ जखा आपणा परमेसर अर छुटकारो देबाळा ईसु मसी की धारमिक्ता की बजेऊँ आपणी जंय्यांई बिस्वास करीं हीं।
म्हें ओ बिस्वास करां हां क परमेसर की दयाऊँ म्हें बी बचा लिआ गया हां जंय्यां क बे बचा लिआ गया हीं।”
इ बजेऊँई म्हें मोत की छांया म जीवां हां जिऊँ थे अजर-अमर जीवन म बड़ सको।