2 म्हारी चिठी तो थे हो, जखी म्हारै हिया की पट्या प मंडरी ह बिनै सगळा मिनख जाणै अर बाचै ह।
क्युं क थारी बजेऊँ परबु को बचन थारूँ लेर मकीदुनिया अर अखाया मई कोनी फेल्यो, पण जठै बी म्हें जावां बठै परमेसर म थारा बिस्वास की चरचा सुणा हां। जि बजेऊँ म्हानै क्युं खेबा की जुर्तई कोनी पड़ै।
थारै बारां म अंय्यां सोचबो मेर ताँई सई ह, क्युं क थे मेरा काळज्या म बसर्या हो। बि सोभाग म थे सगळा पाँतीवाळ हो जखो परमेसर मनै दिओ, चाएस म जद अब जेळ म हूँ अर नहिस जद म अजादिऊँ चोखा समचार क सच को सबूत देर बिनै पुक्ता करबा म लागर्यो हो।
सऊँ पेली म थारै सगळा ताँई ईसु मसी म परमेसर को धनेवाद देऊँ हूँ, क्युं क सगळी दुनिया म थारा बिस्वास क बारां म बतायो जार्यो ह।
अर जठै ताँई मेरी बात ह, मेरै कनै जोक्यु बी ह, बिनै थारै ताँई राजी होर खरच करस्युं, अठै ताँई क म खुदनै बी थारै ताँई दे देस्युँ। अर जद म थारूँ, अत्तो प्यार-परेम करूं हूँ, जणा थे कंय्यां मेरूँ, थोड़ो प्यार-परेम कर सको हो?
अर मेरा खेबा को ओ मतबल थोड़ी ह क म थारूँ परेम कोनी करूं? परमेसर इ बातनै जाणै ह क म थारूँ परेम करूं हूँ।
म अ बाता थानै बुरो बताबा ताँई कोनी खेर्यो। पण जंय्यां पेल्या म थानै बतायो हो क थे म्हारा हिया म बसर्या हो, अर म्हें थारै सागै जीवां-मरां हां।
परमेसर की दयाऊँ म एक चोखा चेजारा की जंय्यां निम धरी ह। अर बिपै ईमारत दुसरो बणार्यो ह। पण सगळानै ओ ध्यान राखबो चाए की बो बिपै कंय्यांको काम करर्यो ह।
के म्हें खुद म्हारी बडाई करर्या हां? नहिस म्हें दुसरा मिनखा की जंय्यां चापलुसी की चिठी मांडर थानै देवां नहिस थारूँ ल्यां?