18 इ ताँई आपणा मुंडा ढकेड़ा कोनी। बे परबु की मेमा का तेजनै दरसावीं हीं अर पबितर आत्मा आपानै होळ्या-होळ्या आपणा मेमाभर्या परबु की जंय्यां बणावै ह।
क्युं क बो परमेसरई ह जखो बोल्यो क, “अँधेरा म च्यानणो हो” अर बोई म्हारा हिया म होयो, जिऊँ म्हानै ईसु मसी म परमेसर की मेमा की ज्ञान को च्यानणो मिल सकै।
दुनिया की बाता प मना चालो। पण लगातार परमेसरनै थारा मनानै पूरीतर्या बदलबा द्यो। क्युं क अंय्यां होबाऊँ थे परख'र जाणस्यो क परमेसर की काँई इंछ्या ह, काँई चोखो ह, काँई बिनै राजी करै अर काँई सिद ह।
अर इ दुनिया को ईस्बर जखो सेतान ह बो बा मिनखा की मत मार राखी ह जखा बिस्वास कोनी करीं। जिऊँ बे चोखा समचार का मेमाभर्या उजाळानै कोनी देख सकीं अर मसी जखो परमेसर को रूप ह बिकी मेमा का समचारनै कोनी समजीं।
हाल तो आपा परमेसर क बारां म सगळी बाता आदी-अधुरी समजा हां जंय्यां धुँधळा सिसा म चिजा दिखै। पण बो टेम आसी जद आपा परमेसरनै आमै-सामै देखस्यां। हाल म जोक्यु जाणू हूँ बो अधुरो ह पण बि टेम म सक्यु सूल जाणस्युं जंय्यां परमेसर मनै जाणै ह।
अर नएड़ा सुभावनै ध्यार लिओ ह। अर थे परमेसर का गुण अर बिका सगळा ज्ञान म दिन-दिन बढता जाओ।
जिनै बो पेल्या टाळ्यो बानै बो बिका बेटा स्यारका बणाबा ताँई ते कर्यो। जिऊँ बोळा भायां म बो पेलीपोत को बणै।
अर जंय्यां आपा माटीऊँ सरजेड़ा मिनख आदम कोसो रूप धारण करां हां, बंय्यांई आपा ईस्बर नगरीऊँ आएड़ा मसी की जंय्यां रूप बी धारण करस्यां।
इ ताँई इब जखो बी मसी म ह बो नई सरस्टि ह। गेलड़ी बाता बितगी। अर इब सक्यु नयो ह।
बचन देधारी होयो। बो दया अर सच क सागै म्हारै मांयनै रिह्यो। अर म्हें बिकी अंय्यां की मेमा देखी जंय्यां परम-पिता का इकलोता बेटा की मेमा।
क्युं क ज कोई बचननै सुणै तो ह पण बिपै चालै कोनी जणा बो बि मिनख की जंय्यां ह जखो आपको मुंडो सूल सिसा म देखै ह
ओ परम-पिताजी, जखा मिनख थे मनै सूप्या हो म चाऊँ हूँ क बे बी बठै मेरै सागै होवीं जठै म हूँ, जिऊँ क बे बि मेमानै देख सकीं जखी थे मनै दिआ हो, क्युं क इ सरस्टिनै रचबाऊँ पेली थे मेरूँ परेम कर्यो।
अंय्यां इ ताँई कोनी होयो क आपा धरम का करम कर्या हा, पण आ बिकी दयाई ह की बो आपानै पबितर आत्मा क जरिए बचायो ह जखी आपानै धोर नयो जलम अर नई जिंदगी देवै ह।
काया प मन लगाबो तो परमेसरऊँ बेर बांदबो ह, क्युं क आ नइ तो परमेसर का नियमा प चालै अर नइ कदै चाल सकै।
जिऊँ नेम-कायदा की जुर्त आपणा म पूरी होज्यावै क्युं क आपा मिनख सुभाव की बिधीऊँ नइ पण पबितर आत्मा की बिधी गेल जीवां हां।
यसाया अंय्यां इ ताँई बोल्यो हो, क्युं क बो ईसु की मेमा देख लिओ हो, अर बिकै बारां म बोल्यो।
पण परबु ईसु मसी का सुभावनै लेर आपणा पापी सुभावनै अर मन की इंछ्यानै मारो।
क्युं क नइ तो सुन्नत कराबाळा अर नइ सुन्नत नइ कराबाळा क्यु ह, पण जखी बात माईनो राखै ह बा ह क, सगळा नई सरस्टि ह।
आ खरी सीख धने परम-परधान परमेसर की लिला का बि चोखा समचार क गेल ह जखो मनै दिओ गयो ह।
बा मेमा जखी थे मनै दिआ हो, बा म बानै दिओ हूँ जिऊँ बे बी एक हो सकीं जंय्यां आपा एक हा।
परबु अर पबितर आत्मा एकई ह अर जठै परबु की पबितर आत्मा ह बठै छुटकारो ह।
ओ लाडलो, इब आपा परमेसर का टाबर हां, पण आबाळा टेम म आपा काँई होस्यां इकै बारां म आपानै ज्ञान कोनी करायो गयो ह। पण चाए जखोबी हो आपा आ जाणा हां क जद मसी ओज्यु परगट होसी जणा आपा बिकै जंय्यां का होज्यास्यां, क्युं क जंय्यां बो ह बंय्यांई बिनै आपा देखस्यां।