12 म्हारै कनै आ मेमा भरी आस ह जणाई म्हें बेधड़क बोलर्या हां।
मनै थार प पूरो भरोसो ह। मनै थार प बोळो गुमान ह, थारी बजेऊँ म कदैई हिमत कोनी हारूँ, म्हारा दुख मुसीबत म बी म थारी बजेऊँ राजी हूँ।
मेरी दिली इंछ्या अर आस ह क, म कदैई मेरा काम म सरमिंदा नइ होऊँ, पण हर टेम अर खासकर इब म हिमतऊँ भरज्याऊँ जिऊँ चाएस म जीऊँ अर मरूँ बस मेरी काया क जरिए मसी की मेमा होवै।
जद पंचानै ओ बेरो पड़्यो क पतरस अर यहून्ना दोन्यु कम पढ्या-लिख्या आम आदमी हीं जणा बे बाकी हिमत देखर ताजूब म पड़गा। अर पाछै बानै बेरो पड़्यो क अ दोन्यु ईसु क सागै रेह्ता हा।
बिका चेला बोल्या, “हाँ इब थे बातनै साप-साप, बिना घूमाया बतार्या हो।
बे सेवक जखा खुदको काम सूल करीं हीं बे खुद ताँई चोखी झघा अर बी बिस्वास म जखो मसी ईसु प ह, हिमत का धणी होसी।
अर आबी जाणो हो क थिसलूनिकी आबाऊँ पेल्या फलिपी म म्हें दुख उठाया अर बेजत कर्या गया। अर जद म्हें थिसलूनिकी म आया जणा अठै बी म्हारो खूब बिरोद होयो पण परमेसरऊँ अंय्यां की हिमत मिली क बिना डर थानै चोखो समचार सुणावां।
अर अरदास करो क म आनै साप-साप बोल सकूँ जंय्यां मनै बोलबो चाए।
मसी की दिनता अर नरमाई क सागै म पोलुस निजी तोरऊँ बोलुँ हूँ। थारै मऊँ क्युं क जणा मेरै बारां म बोलीं हीं क जद म थारै आमै-सामै होऊँ बि टेम थारै सागै नरमाईऊँ रेह्ऊँ हूँ अर जद म थारूँ दूर रेह्ऊँ बि टेम सकताई बरतुँ हूँ।
पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह, “म बिस्वास कर्यो जणाई तो म बोल्यो।” बि बिस्वासऊँई म्हें बोलर्या हां क्युं क म्हारै म बिस्वास को आत्मा ह।
जणा बिस्वासी मंडळी म न्यारी-न्यारी बोली म दस हझार बोल क बोलबाऊँ समज का पाच बोल बोलबो चोखो जाणू हूँ जिऊँ म दुसरानै सीख दे सकूँ।
पोलुस अर बरनाबास बोळा दिना ताँई बठैई रिह्या अर बिना कोई डर क परचार करता रिह्या। अर परबु बी बाका हाताऊँ अचरजभर्या काम अर चमत्कार दिखार आपकी दया का संदेसनै साबित कर्यो।
अर यूनानी भासा बोलबाळा क सागै जिरै बाजी करतो हो, जि बजेऊँ बे बिनै मारबा की ताक म रेह्बा लागगा।
जणा बरनाबास बिनै भेजेड़ा चेला कनै लेगो अर बानै बतायो क कंय्यां ओ गेला म परबुनै देख्यो, अर कंय्यां परबु बिऊँ बतळायो। अर इकै पाछै कंय्यां ओ हिमत क सागै दमिसक नगरी म ईसु का नाम को परचार कर्यो।
“म अ सगळी बाता थानै निती-कथा म बोली ह पण इब जखो टेम आर्यो बिमै म निती-कथा म कोनी बोलस्युं पण परम-पिता क बारां म थानै साप-साप बतास्युं।
जणा यहूदि मिनख बिकै च्यारूमेर भेळा होगा। अर बिऊँ बुज्या, “तू कद ताँई म्हानै दो मता म राखसी? म्हानै साप-साप बता दे। तू मसी ह के?”
ज मूसा को बिधान क्युंक टेम मई मिटबाळी मेमा क सागै दिओ गयो हो जणा इ कदैई नइ मिटबाळा नया करार की मेमा बिऊँ बोळी जोरकी क्युं कोनी होसी?
अर म साकळा म बंदर्यो हूँ। इ बजेऊँई परबु म बिस्वास राखबाळा घणकराक भाईड़ानै घणीसारी हिमत मिली ह, अर बे चोखा समचारनै बेधड़क होर सुणार्या हीं।
मसी म मनै ओ हक क, म जखो सई ह बिनै करबा ताँई ओडाऊँ।