ईसु पतरसऊँ बोल्यो, “समोन ओ समोन! मेरी बात सुण! जंय्यां एक किसान ग्युंनै फटकार बिनै तुड़ीऊँ न्यारो करै ह। बंय्यांई थानै सगळानै बिचासबा की हामी सेतान ले लिओ ह।
थे मोट्यार लूगाई एक दुसरा की इंछ्या मना मारज्यो। पण आपसरी म बतळार क्युंक देर ताँई इनै टाळ सको हो जिऊँ थारै अरदास करबा म दिकत नइ होवै, अर इकै पाछै थे ओज्यु एक सागै रह्यो; क्युं क कदै अंय्यां नइ हो क खुदनै बस म राखबा की कमी को फाईदो उठार सेतान थानै बिचासै।
जखा मिनखा को नाम बि उन्या की जीवन हाळी पोथी म कोनी मांडेड़ो बे सगळा मिनख इ डरावना जानबरनै धोकसी। ओ उन्यो जखो इ सरस्टि की सरूआतऊँई बलि होबा ताँई ते कर्यो गयो हो।