4 म जाणू हूँ इ मिनखनै ईस्बर नगरी म उठायो गयो बठै बो अनोरी बाता सुणी जानै कोनी बोल्यो जा सकै बे अंय्यां की बाता ही जानै बोलबो मिनख क बस म कोनी।
जणा ईसु बिऊँ बोल्यो, “म तनै बचन देऊँ हूँ क आज तू मेरै सागै परलोक म होसी।”
जिकै कान ह बे बानै खोल ले क, पबितर आत्मा बिस्वासी मंडळ्याऊँ काँई बोलै ह। जखो बी बुराईऊँ जीतसी म बिनै जीवन का दरख्त को फळ खाबा को हक देस्युँ जखो परमेसर का बाग म ह।
अर जंय्यांई बे पाणी क बारनै निकळ्याक परबु की पबितर आत्मा फलिपूसनै उठा लेगो अर बिकै पाछै बो हिंजड़ो बिनै कोनी देख्यो अर बो राजी-खुसी आपका गेलै चलेगो।
ज म मिनखा अर ईस्बर नगरी दुता की बोली बोलुँ पण मिनखाऊँ परेम कोनी करूं, जणा म ठन-ठन करती पितळ की परात अर टन-टन करता थाळी गिलास हूँ।
बरसा पेली एक मिनखनै जखो मसी म ह, बिनै ईस्बर नगरी म तीसरी उची झघा म उठा लिओ गयो हो। म कोनी जाणू बिनै काया म नहिस बिना काया क, आतो परमेसरई जाणै।
जणा पाछै आपानै जखा जीवता अर बचेड़ा हां, बाकै सागै बादळा म परबुऊँ हवा म मिलबा ताँई उपर उठा लिओ जासी। अंय्यां आपा सगळा सदाई परबु क सागै रेहस्यां।
बा लूगाई एक छोरानै जलम दिनी बो लौ का राजदंड क सागै सगळा देसा का मिनखा प राज करबाळो हो। अर बि लूगाई का टाबरनै हात्युहात परमेसर अर बिका सिंघासन क सामै लेज्यायो गयो।