16 थे मानो हो क, म थार प बोज कोनी हूँ। पण दुसरै नाकै थारै मऊँ क्युंक खेवै ह क, म चलाक होर थानै मेरी चलाकी म फसा लिओ।
थे इ बातनै सूल जाणो हो क म्हें कदैई लालाचोपड़ी की बाता कोनी करी। अर नइ म्हें अंय्यां की कोई बाता बोली जिऊँ थारो धन लूटां , अर आ बाता को परमेसरई गुवा ह।
क्युं क म्हारो उपदेस झूठो, धोको देबाळो अर छळकपट करबाळो कोनी,
थे कूणसी बात म दुसरी बिस्वासी मंडळ्याऊँ न्यारा हो? खाली इकै क म मेरो बोज थारै उपर कोनी लाद्यो। मनै इ काम ताँई थे माफई करो।
थे थारा हिया म म्हानै झघा द्यो। म्हें नइ तो कोईकै सागै अन्याय कर्या हां, नइ कोईको क्युं बिगाड़्या हां, अर नइ म्हें कोईको फाईदो उठायो।
म्हें बेसरमी का काम कोनी करां। नइ तो म्हें कपट राखां हां अर नइ झूठी बातानै परमेसर की कर बतावां हां। पण परमेसर क सामै म्हें सच बोलर्या हां अर जखा सचा हीं बेई इ बातनै जाणी हीं।
म्हानै गुमान ह क म्हें साप अन्तर-आत्माऊँ आ खे सकां हां, क म्हें इ दुनिया का मिनखा क सागै अर खासकर थारै सागै परमेसर की खराई अर ईमानदारीऊँ रिह्या हां। अंय्यां म्हें परमेसरऊँ मिलबाळी दयाऊँ कर्या हां, दुनियादारीऊँ मिलबाळी बुदीऊँ नइ।
पबितर सास्तर म मंडर्यो ह, क्युं क इब थानै सूल बेरो पड़ग्यो ह क, परबु थारै बेई कतो दयालु ह।
म्हानै मान दिओ जावै ह अर म्हारी बेजती बी करी जावै ह, म्हानै बुरा बी बतावीं अर भला बी बतावीं, म्हारै सागै अंय्यां बरताव कर्यो जावै ह क म्हें ठग हां। इकै बावजुद बी म्हें परमेसर क सामै बिस्वास जोगा हां।
मनै बिस्वास कोनी होर्यो, जद थानै कोई दास बणाले, थारो बुरो चावै, ज कोई थानै धोको दे, अर खुदनै थारूँ बडो बणावै अर कोई थारै मुंडा प थपड़ मारै जणा थे बिनै राजी-राजी सेल्यो हो।