6 म बोलबा म अनाड़ी हो सकूँ हूँ, पण म ज्ञान म कम कोनी। सगळी बाता म म्हें थानै आ साप-साप खेता आर्या हां।
अर आनै बाचर थे जाण ज्यास्यो क म मसी का भेदानै कठै ताँई समजूँ हूँ।
म्हें बेसरमी का काम कोनी करां। नइ तो म्हें कपट राखां हां अर नइ झूठी बातानै परमेसर की कर बतावां हां। पण परमेसर क सामै म्हें सच बोलर्या हां अर जखा सचा हीं बेई इ बातनै जाणी हीं।
क्युं क मसी मनै बतिस्मो देबा ताँई नइ, पण बिना मिनख बुदी की मिलावट क चोखा समचार सुणाबा ताँई भेज्यो ह। जिऊँ मसी को सुळी भोगबो बेकार नइ जावै।
इ दुनिया का मिनख बुदीऊँ परमेसरनै कोनी जाण्या। क्युं क आ परमेसर सोच समजर ध्यार राखी ही। इ ताँई परमेसरनै ओ चोखो लाग्यो क इ परचार क जरिए जखो आपा करां हां जिनै इ दुनिया का मिनख बकवास जाणी हीं बिस्वास करबाळानै बचावै।
अर भेजेड़ा चेला क मांयनै जखी बाता होवै ह, बंय्यांई म बोळी थ्यावसऊँ सेलाणी, चमत्कार, अर ताजूब का काम कर दिखायो हूँ।
क्युं क क्युंक मिनख मेरै बारां म बोलै ह क, “बिकी चिठ्या हिया प ठेस लगाबाळी अर दुख देबाळी ह। पण जद बो म्हारै सामै होवै जणा बो खाट काटेड़ोसो लागै अर बिकी बाता म बी दम कोनी होवै ह।”
जणाई म्हें परबु को डर मानर ओरानै परमेसर कानि फिरबा ताँई हिमत बंधावां हां। परमेसर म्हानै जाणै ह, अर म आस करूं हूँ, क थे बी म्हारा बारां म सक्यु जाणो हो।
जणा म्हें मिनखा की बुदीऊँ सीखाया गेल कोनी बोलां पण पबितर आत्मा क सीखाया गेल बोलां हां। जंय्यां की म्हें आत्मिक सचनै जाकै कनै पबितर आत्मा ह बानै बतावां हां।
थे थारा हिया म म्हानै झघा द्यो। म्हें नइ तो कोईकै सागै अन्याय कर्या हां, नइ कोईको क्युं बिगाड़्या हां, अर नइ म्हें कोईको फाईदो उठायो।
अर पबितर आत्माऊँ एकनै बुदी भर्यो समचार अर दुसरानै ज्ञान की बाता बोलबा ताँई दि जावै ह।
म्हारी खराई, ज्ञान, थ्यावस, दया, सचो परेम, सच का समचार, पबितर आत्मा,