के म सरमिंदा होर खेऊँ हूँ म्हें बाकी जंय्यां थारै सागै सलुक करबा म बोळा कमजोर हां? पण ज कोई ख्याताई बी गुमान करबा की हिमत कर सकै ह जणा म बावळापुणाऊँई खेऊँ हूँ क म बी हिमत करस्युं।
म बावळा की ढाळ बोल्यो, पण अंय्यां करबा ताँई थेई मनै उकसाया। जदकी म तो क्युंबी कोनी हूँ, पण थानै तो मेरी बडाई करबो चाए, क्युं क म थारा बा भेजेड़ा चेला मऊँ, एक बात म बी कम कोनी हूँ।
हां, सई ह भाईड़ो म्हें मसी ताँई बेबुदी का हां, पण थे मसी म बोळा ज्ञानी हो! म्हें तो माड़ा हां पण थे तो तगड़ा हो। म्हें तो बेजत हां पण थे तो मान्या-थान्या हो।
जोक्यु बी थानै चाए बो थारै कनै पेल्याऊँई हो के? के थे पेलीऊँ पिसाळा हो? थे म्हारै बिनाई राजा बणग्या के? म चाऊँ क थे राजा बणज्याता जिऊँ म्हें बी थारै सागै राजा होता।
पोलुस बोल्यो, “के थोड़ो टेम, के बोळो, पण म तो परमेसरऊँ आई अरदास करूं हूँ क थे अर जत्ता बी मनै आज अठै सुणी हीं बे जि साँकळाऊँ म बंदर्यो हूँ आनै छोडर बाकी बाता म मेरै जंय्यां का होज्यावै।”