9 इ चिठीऊँ थानै डराबा को मेरो कोई इरादो कोनी।
क्युं क क्युंक मिनख मेरै बारां म बोलै ह क, “बिकी चिठ्या हिया प ठेस लगाबाळी अर दुख देबाळी ह। पण जद बो म्हारै सामै होवै जणा बो खाट काटेड़ोसो लागै अर बिकी बाता म बी दम कोनी होवै ह।”
जणा सई टेम आबाऊँ पेली कोईबी बात को न्याय मना करो। परबु क आबा का टेमऊँ पेली आखरी न्याय कोनी होवै। बो अँधेरा म लुखेड़ी बातानै च्यानणा म ल्यासी अर चित का बिचारानै परगट करसी बी टेमई हरेक की बडाई परमेसर कानिऊँ होसी।
परबु म्हानै थारै उपर जखो अधिकार दिओ ह बिपै ज म गुमान करूं जणा बिपै मनै सरमिंदा होबा की जुर्त कोनी। क्युं क ओ अधिकार थारै आत्मिक जीवननै बणाबा ताँई ह इनै बिगाड़बा ताँई कोनी।