12 क्युं क म्हें बा मिनखा की जंय्यां कोनी जखा खुदकी बडाई खुदई करीं हीं। बे खुदकी एक दुसराऊँ बराबरी करीं हीं अर अंय्यां कर बे खुदई बावळा खुवावीं हीं।
बो फरिसी नाकैई खड़्यो होर अंय्यां खेर अरदास करबा लाग्यो, ‘परमेसर थारी जे हो, क म दुसरा की जंय्यां लोभी, दुसरा को बुरो करबाळो, कुकरमी कोनी अर नइ म इ चुंगी लेबाळा की जंय्यां हूँ।
क्युं क जखो खुदकी बडाई करै ह बा नइ पण जिकी परबु बडाई करै ह बा बडी बात ह।
क्युं क म खाली बा बातानै करबाकी हिमत करूं हूँ जानै मसी, गैर-यहूदि मिनखानै परमेसर का हुकमानै मानबा ताँई बचन, करम,
के म्हें खुद म्हारी बडाई करर्या हां? नहिस म्हें दुसरा मिनखा की जंय्यां चापलुसी की चिठी मांडर थानै देवां नहिस थारूँ ल्यां?
जणा बी म्हें थारै सामै खुदकी बडाई कोनी कर्या। पण थानै एक मोको देवां हां क थे म्हारै प गुमान कर सको। अर जखो मिनख आपकी हिया की बातानै छोडर दिखावटी बाता प गुमान करै ह बानै थे जुबाब दे सको।
जखा अंय्यां खेवै ह बानै ओ बी जाण लेबो चाए क जंय्यां म्हें चिठी म मांडां हां बंय्यां का म्हारा काम बी हीं।