9 अर म्हें हिया म आ बी सोचली ही क म्हानै मोत की सजा होगी ह। जिऊँ म्हें खुद प भरोसो नइ कर परमेसर प भरोसो कर सकां जखो मरेड़ानै बी ओज्यु जीवावै ह।
इको ओ मतबल कोनी क म्हें इ कामनै करबा को बूतो राखां हां। पण म्हानै ओ बूतो परमेसरई देवै ह।
क्युं क अब्राहम सोच्यो क परमेसर मरेड़ानै जिंदो कर सकै अर ज इनै दुसरा तरिकाऊँ बोलां जणा बो इसाकनै मोतऊँ पाछो ले लिओ।
आपणा जंय्यां का माटी का भांढा म आत्मिक जागिर धर राखी ह अर आ अनोरी सक्ति आपणी कोनी ह पण परमेसर की ह।
ईसु बानै जखा खुदकी धारमिक्ता प भरोसो राखबाळा अर दुसरानै क्युंई कोनी समजता हा, बानै एक मिसाल दिनी,
जंय्यां क पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह: “क्युं क तेरी बजेऊँ म्हानै हर टेम मोत को मुंडो देखणो पड़ै; म्हें कटबाळी लल्डी समज्या जावां हां।”
क्युं क मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें आ चावां हां क जखी पिड़ा म्हें एसिया म भोगी बिकै बारां म थे जाणो। बठै म्हें म्हारी सेवाऊँ बी बेत्ती पिड़ा भोगी। अठै ताँई क मरबा की बी नोबत आगी ही।
अर बोई म्हानै बि दरदनाक मोतऊँ बचायो। अर इ टेम बी बोई म्हानै बचावै ह। क्युं क म्हें बिपैई आस लगा राखी ह इ ताँई आगै बी बोई म्हानै बचासी।