16 अर म सोचूँ हूँ क मकीदुनिया जाती टेम थारूँ मिलर जाऊँ अर मकीदुनियाऊँ ओटो आती टेम थारै कनै होतो आऊँ जिऊँ थे यहूदिआ नगरी का मेरा सफर ताँई मेरै सागै जुर्त की चिजा बांदो।
आठवा दिन म्हें बठैऊँ रवानगी करी अर बे आपका टाबर-टिकरा समेत म्हानै नगरी क बारनै छोडर गया अर समदर क किनारा प पुगर म्हें गोडा टे'कर अरदास करी,
जणा बिस्वासी मंडळी बानै थोड़ी घणी दूर छोडर गई अर बे फिनीके अर सामरीया क गेला, गैर-यहूदि कंय्यांसिक मन बदल्यो आ बात बिस्वासी भायानै बताता गया, जिनै सुणर सगळा बोळा राजी होया।
क्युं क मकीदुनिया अर अखाया की बिस्वासी मंडळी का मिनखानै ओ चोखो लाग्यो क यरूसलेम म परमेसर का मिनखा म जखा गरीब हीं बानै दान देवीं।
इ ताँई कोईबी बिनै छोटो नइ जाणै। अर जद बो थारै कनैऊँ बिदाई लेवै जणा सफर म चायती चिजा क सागै राजी-खुसी बिदा करज्यो। अर म दुसरा बिस्वासी भाईड़ा क सागै बिनै उडिकर्यो हूँ।