3 ज कोई, बि सई अर आपणा परबु ईसु मसी की ईस्बरीय सीखनै, नइ मानै अर क्युं न्यारोई सीखावीं,
जंय्यां क म मकीदुनिया जाती टेम तनै इफिसुस म रेह्बा ताँई बोल्यो हो, जिऊँ तू क्युंक मिनखानै आदेस दे क, बे झूठी सीख नइ देवै,
कुकरमी, आदमी आदमी क सागै कुकरम करबाळा, मिनखानै बेचबाळा, झूठ बोलबाळा, अर झूठी सोगन खाबाळा, आकै अलावा खरी सीख को बिरोद करबाळा ताँई बताएड़ा ह।
बो बिस्वास जोगा परमेसर का समचार म मजबूती क सागै ठिक बंय्यांई बिस्वास करै जंय्यां क बिनै सीखायो गयो ह। जिऊँ क बो ओरानै बी सची सीखऊँ हिमत बंधा सकै। अर जखा सामै होवै बा मिनखा को मुंडो बंद कर बानै मनवा सकै क बे गळत हीं।
अंय्यां को टेम आर्यो ह जद मिनख चोखी सीखनै कोनी सुणसी, पण इकी झघा बे खुद ताँई अंय्यां का सीखाबाळा ढुंढलेसी। अंय्यां का सीखाबाळा बानै बे बाताई बतासी जखी सुणबो बानै चोखो लागै ह।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म थारूँ खेऊँ हूँ क, थानै जखी सीख मिली, बिकै खिलाप थारै म फूट गेरबाळा अर दुसरा का बिस्वासनै बिगाड़बाळाऊँ दूर रेह्ओ।
म ईसु मसीऊँ भेजेड़ो चेलो, परमेसर को दास पोलुस आ चिठी तितूस तनै मांडूँ हूँ। म परमेसर का टाळेड़ा मिनखानै बिस्वास म बढाबा भेज्यो गयो हूँ। जिऊँ बे सचनै जाणर पबितर जीवन जीवै।
जखा खरा बचन म तनै सीखायो हूँ बानै डटर थाम्यो रेह अर बानै बि बिस्वास अर परेम क सागै, जखा मसी ईसु म ह, खुद ताँई नमूनो बणार राख।
क्युंक मिनख इ गेलानै छोडर बेकार की बाता म उळ्जगा हीं।
इ ताँई जखो मिनख इ सीखनै माड़ी जाणै, जणा बो कोई मिनखनै माड़ो कोनी जाणै पण पबितर आत्मा देबाळा परमेसरनै माड़ो जाणै ह।
म थानै जखो हुकम दिओ हूँ बे सगळी बाता बानै मानबो सीखाओ। अर याद राखज्यो इ दुनिया की अंत घड़ी ताँई सदाई म थारै सागै रेहस्युं।”
आ बिस्वास जोगी बात ह। म चाऊँ हूँ क आ मामला म तू खास जोर देर बोलै जिऊँ परमेसर प बिस्वास राखबाळा, भला काम करीं, जखा सकै काम का अर चोखा हीं।
बे बोल्या, “रोम का समराट को” जणा ईसु बोल्यो, “जखो समराट को ह बो समराटनै द्यो अर जखो परमेसर को ह बो परमेसरनै द्यो।”