म तनै परमेसर, मसी ईसु अर टाळेड़ा ईस्बर नगरी दुता की मोजूदगी म बोलुँ हूँ क, बिना कोईकी भीड़ लिये तू आ आदेसानै मानजै अर ख्यामई कोईकै सागैई भेद-भाव मना करजे।
पण ज मेरै आबा म मोड़ो होवै जणा इ चिठीऊँ जाण ज्याए क, आपणा परमेसर को कूणबो जखो जीवता परमेसर की बिस्वासी मंडळी आ सचाई की निम अर खम्बो ह, बिकै सागै आपानै कंय्यां को बरताव करबो चाए।