11 पण तू, जखो परमेसरनै मानबाळो ह, आ सगळी बाताऊँ दूर रेह्जे, पण धारमिक्ता, भगती, बिस्वास, परेम, थ्यावस अर दिनता म बण्यो रेह।
जुवानी की बुरी इंछ्याऊँ भाज अर जखा पबितर मनऊँ परबु को नाम लेवीं हीं बाकै सागै खुदनै धरम, बिस्वास, परेम अर मेळमिलाप क सागै संगरो राख।
पबितर सास्तरऊँ परमेसर को भगत सगळा भला कामा म माहिर अर त्यार होज्यावै।
तनै कोई क सामैई निचो नइ देखणो पड़ै क्युं क तू जवान ह, पण बोली-चाली, चाल-चलन, प्यार-परेम, बिस्वास अर खराई म तू बिस्वास्या क सामै नमूनो बणज्या।
सगळा क सागै मेळमिलाप राखबा अर पबितर होबा ताँई हरेक जंय्यां कोसिस करो क्युं क बिना पबितरता क कदैई कोई परबुनै कोनी देख सकै।
ओ लाडलो मूरती पूजा मना करज्यो।
बुराई करबो छोडर भलाई करै, अर इ कोसिस म लाग्यो रेह्वै क मेळमिलापऊँ कंय्यां रेह्ऊँ।
कुकरम मना करो। क्युं क इकै अलावा जत्ता बी पाप मिनख करै ह बो आपकी काया क बारनैऊँ करै। पण जखो मिनख कुकरम करै ह बो आपकी काया क सागै ही पाप करै ह।
जिको चोखा काम करबा म नाम होयड़ो हो, अर जखी आपका टाबरानै सूल पाळी हो, जखी पराया अर अणजाण मिनखा की आवभगत करी हो, परमेसर का मिनखा को खुदका घर म आवभगत करी हो, दिन-दुखीया की मदद करी हो, अर जखी खुदनै चोखा काम करबा म लगादि होवै।
परेम का गेला प चालो, जणा पाछै आत्मिक बरदान पाबा की इंछ्या राखो, खासकर परमेसरऊँ आबाळा बोलां का समचार को हेलो पाड़बा को बरदान।
जणा, बा बाता म लाग्या रेह्ओ जखी स्यांतीनै बढावै ह अर एक दुसरा की आत्मिक बढोतरी म मदद करै ह।
ओ तिमूतियूस, जखो तनै सोप्यो गयो ह बिनै समाळर राख। दुनियादारी की बात अर बकवास जिरैऊँ खुदनै परै राख जिनै क्युंक मिनख गळतीऊँ “ज्ञान” बोलै ह।
अर परबु मेर प खूब दया करी, अर सागैई बो परेम अर बिस्वास जखो मसी ईसु म ह बो मनै मिल्यो।
ज मिनख खुदनै बुरायाऊँ सुद करले जणा बो खास काम म आबाळो बणसी अर पबितर बणर खुदका मालिक परमेसर क काम आबाळो बणज्यावै ह। जिऊँ बो हर भला काम ताँई त्यार करेड़ो होसी।
पण तू मेरी सीख, भेवार, अर जिंदगी ताँई मेरा मकसदनै मानै ह, तू मेरा बिस्वास, मेरा थ्यावस, मेरा प्यार-परेम, मेरी सेह्बा की सक्ति,