19 पबितर आत्मा की अणसुणी मना करो।
परमेसर की पबितर आत्मा को निरादर मना करो क्युं क छुडाबाळा दिन ताँई आ पबितर आत्मा थारै ताँई बिकी जामनी ह, की बो थानै छुड़ासी।
आ खेर सतफनुस बानै सुणाबा लाग्यो, “परमेसरनै कोनी मानबाळा अर बिका बचनानै नइ सुणबाळा ढिट मिनखो, थे सदाई थारा बाप-दादा की जंय्यां पबितर आत्मा को बिरोद करता आया हो।
जणाई म तनै याद दिआऊँ क, बि बरदाननै थाम्यो राख, जिनै परमेसर तनै बि टेम दिओ हो जद म तेर प हात धर्यो हो।
तेरै मांयनै जखो आत्मिक बरदान ह जखो तनै बि टेम मिल्यो हो जद परमेसर की खेबाळा अर बिस्वासी मंडळी का मुखिया तेरा सीर प तनै आसिरबाद देबा ताँई हात मेहल्या हा, बि बरदान बई लापरवा मना हो।
अर आ सगळा क सागै बिस्वास की ढाल लेर डट्या रेह्वो जिऊँ सेतान की बळती बाणानै बुत्ता सको।
अर ज बठै बेठ्या मिनख म कोईनै परमेसरऊँ दरसाव मिल्यो ह जणा बोलबाळा मिनखनै चुप होर बि मिनखनै बोलबा को मोको देणो चाए क परमेसर काँई परगट कर्यो ह।
परमेसर की खेबाळा की खयड़ी बातानै माड़ी मना जाणो।