17 अरदास करबा म लाग्या रेह्ओ।
आस म राजी रेह्ओ, पिड़ा म थ्यावस राखो, लगातार अरदास करता रेह्ओ।
ध्यानऊँ अरदास करबा म लाग्या रह्यो अर परमेसरनै धनेवाद देता रेह्ओ।
हरेक मोका प अर सगळी बाता म पबितर आत्माऊँ अरदास करता रह्यो अर बंय्यांई सगळा परमेसर का मिनखा ताँई जी ज्यानऊँ अरदास करबा ताँई जागता रेह्ओ।
जणा ईसु चेलानै आ बताबा ताँई की बे रोजकी अरदास करता रेह्वै। अर हिमत नइ छोडीं एक मिसाल दिनी:
इ ताँई सदाई चेता म रेह्ओ अर सदाई अरदास करता रेह्ओ जिऊँ थे सगळी होबाळी बाताऊँ बच सको अर मिनख का बेटा क सामै खड़्या हो सको।”
बा घड़ी सांकड़ैई ह जद सक्यु नास होज्यासी। इ ताँई स्याणा बणो अर खुदनै बस म राखो जिऊँ थानै अरदास करबा म मदद मिलै।