15 परबु का सीखाया गेल म्हें थानै बतार्या हां क, बे जखा परबु का ओज्यु आबाळा दिन ताँई काया म जीवता रेह्सी बे बि दिन मर्या पाछै जी उठेड़ा मिनखाऊँ आगै कोनी होसी।
क्युं क म्हें जाणा हां क जंय्यां बो परमेसर ईसुनै मरेड़ा मऊँ जीवायो ह म्हानै बी ईसु क सागै जीवासी। अर म्हानै बी थारै सागै आपकै सामै खड़्यो करसी।
थेई बताओ, आपणा परबु ईसु क सामै बिका आबा की टेम म्हारै ताँई म्हारी आस, खुसी अर बडाई को मुकट कूण होसी? बे थेई कोनी होस्यो के?
पतरस बोल्यो, “हाँ देवै ह।” अर जद पतरस घरा आयो जणा बिकै कर हाळी बात चलाबाऊँ पेलीई ईसु बिनै बोल्यो, “ओ समोन तू काँई सोचै ह? इ धरती का राजा किऊँ-किऊँ लगान लेवै ह? आपका बेटाऊँ नहिस पराया मिनखाऊँ।”
अर जत्ता बी मसी प बिस्वास करता होया मर्या बे तो नास होगा।
जदकी गुमान करबा को कोई फाईदो कोनी बिकै बावजुद बी म गुमान करूं हूँ, इ ताँई म परबुऊँ मिलेड़ा दरसाव अर परकासन की चरचा करस्युं।
क्युं क ओ मनै कोई मिनखऊँ कोनी मिल्यो अर नइ कोई मनै सीखायो, पण ओ मेर प ईसु मसी क जरिए परगट कर्यो गयो।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें चावां हां क थे मरेड़ा क ओज्यु जी उठबा का सचनै जाणो, जिऊँ थे बिस्वास नइ करबाळा मिनखा की जंय्यां थारा बिस्वासी मरेड़ा मिनखा ताँई बेआस होर दुखी नइ होवो।
ईसु मसी आपणै ताँई मर्यो। इ ताँई आपा सगळा बिकै सागै सदाई जिस्यां, चाए बिकै आबा की टेम आपा जीवता रेह्वां नहिस मरेड़ा होवां।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, आपणा परबु ईसु मसी क आबा अर बिकन भेळा होबा क बारां म, म्हें थारूँ बिणती करां हां क,