11 थानै ध्यान रेह्वै, थे दुसरा क सागै मेळमिलापऊँ रेह्वो। थारो ध्यान थारा काम मई रेह्वै, अर खुद कमार खाओ बंय्यांई करो जंय्यां म्हें थानै आदेस दिआ हां,
जखा चोरी करीं हीं बानै चोरी करनी छोडर भला कामा म मेनत कर खुद ताँई कमाणो चाए अर गरीबानै दान देणो चाए।
पण थे स्यांत अर सुदी बणो जिऊँ थे मांयऊँ सोवणी होस्यो। अंय्यां को सोवणोपूणो सदाई बण्यो रेह्वै ह अर परमेसर की नजर्या म इको बोळो मोल ह।
आपणा मिनखानै ओरा की जुर्त पूरी करबा ताँई चोखा करमा म टेम बिताणो चाए, बानै फालतु को जीवन नइ जीणो चाए।
राजा-म्हराजा अर सगळा अधिकार्या ताँई अरदास करी जावै। जिऊँ आपा सुक-स्यांती क सागै भगती अर सरदाऊँ परमेसर ताँई जीवन जी सकां।
अर म्हें मेनत मजुरी कर खावां कमावां हां। अर ज म्हानै कोई दूरसिस देवै जणा म्हें बिनै आसिरबाद देवां हां। म्हानै सतायो जावै ह अर म्हें बरदास करां हां।
ज थे दुख उठाओ जणा थारो दुख उठाबो चोरी, हत्या, बुराई अर दुसरा का कामा म आट देबा की बजेऊँ नइ होणो चाए।
अर बे घर-घर हांडर खुदको टेम बरबाद करबो सीखीं हीं, अर इऊँ बी भत्तर बे फाँप मारबो अर दुसरा का काम म टांग अड़ाबो सीखीं हीं, अर जखी बाता क बारां म बात नइ करनी चाए, बाकै बारां म बतळावीं हीं।
इ ताँई म्हारा हिया की इंछ्या तो आ ह क चाए धरती प रेह्वां चाए ईस्बर नगरी म रेह्वां पण परमेसरनै भाता रेह्वां।
मेनत करो आळसी मना बणो, पबितर आत्मा म जोसऊँ भरज्याओ अर परबु की सेवा करो।
म परबु ईसु का बे बचन याद राख'र की ‘लेबाऊँ देबो चोखो ह।’ मेरा हाताऊँ मेनत कर माड़ानै समाळर थानै दिखायो हूँ।”
ओ अंय्यां होसी जंय्यां कोई मिनख दिसावर जाबाऊँ पेल्या आपका घरनै आपका दास क हवालै कर बानै न्यारो-न्यारो काम बाटर चल्यो जावै अर चोकीदारनै पेरो लगाबा को हुकम देर अंय्यां बोलर क जद ताँई म कोनी आऊँ तू घर की समाळ करजे।
मेरी सदाई आ मनस्या ह क म बठै चोखा समचार को हेलो पाड़ूँ जठै कोई मसी को नामई कोनी जाणै, इकी आ बजे ह क म कोई दुसरा मिनख की धरेड़ी निम प चिणाई नइ करूं।
अर बो बाकै सागै रेह्बा अर काम करबा लागगो क्युं क बाको एकसोई धंधो हो। बे तम्मू बणाबाळा हा।