11 इब म्हारो परम-पिता परमेसर अर परबु ईसु खुदई अंय्यां को गेलो खोलै क म्हें थारूँ आर मिलां।
परमेसरनै नइ ध्यारबाळा मिनख आ सगळी चिजा क गेल भागता रेह्वै ह पण थारो ईस्बर नगरी परम-पिता थारी सगळी जुर्तानै जाणै ह।
आपणो परबु ईसु मसी खुदई अर आपणो परम-पिता परमेसर जखो आपणाऊँ परेम करै ह अर जखो आपानै आपकी दयाऊँ जुग-जुग ताँई हिमत बंधवाई ह अर आस दिनी ह,
बो थारा हियानै अंय्यां को पक्को करै क जद आपणो परबु ईसु सगळा पबितर दुता क सागै आसी जणा थे परम-पिता परमेसर क सामै पबितर अर निरदोस होवो।
“मेरा छोटा रेवड़ डरै मना, थारो परम-पिता थानै आपको राज देबो चावै।
थे अकास का पंछ्यानै देखो बे नइ तो बोवै ह अर नइ काटै, अर नइ बे आपकी ओबरी म नाज भेळो करै, जणा बी थारो ईस्बर नगरी परम-पिता बाको पेट भरै ह। के थे बाऊँ बेसी कोनी?
सोचो परम-पिता आपणाऊँ कतो बेत्ती परेम कर्यो ह, जिऊँ क आपा बिका टाबर खुवा सकां अर सच म आपा हां बी। आ दुनिया परमेसरनै कोनी जाणी आई बजे ह क बा आपानै बी कोनी जाणै।
परबु थारा हियानै परमेसर का परेमनै समजबा की अर मसी की जंय्यां बरदास करबा की सक्ति देवै।
क्युं क परमेसरनै नइ ध्यारबाळा सगळा मिनख आ चिजा क गेल भागर्या हीं। पण थारा परम-पितानै ओ बेरो ह की थानै आ चिजा की जुर्त ह।
उजाड़ म एक हलकारो हेलो मारै ह क, ‘परबु ताँई गेलो बणाओ, अर बिको गेलो सिदो-सपाट करो।’”
परम-पिता परमेसर की इंछ्यानै पूरी करबा ताँई मसी आपणा पाप ताँई खुदनै मरबा ताँई दे दिओ जिऊँ आपा बुरी दुनियाऊँ छुटाया जावां।
जिऊँ मिनखानै नइ पण तेरा ईस्बर नगरी परम-पितानै जखो ओला म ह बिनै तेरा बरत क बारां म बेरो चालै जणा बो तनै इको फळ देसी।
“ज थे मिनखा का पापनै जखा थारै खिलाप कर्या गया बानै माफ करस्यो जणाई थारो ईस्बर नगरी परम-पिता बी थारा पापनै माफ करसी।
पण जद तू अरदास करै जणा तू तेरा खुदका कोठा म जा कुआड़ जुड़'र परम-पिताऊँ जिनै कोई कोनी देख सकै अर जखो तेरा ओला म करेड़ा कामानै देखै ह। बो तनै बाको फळ देसी।
म थारो बाप होस्युं, अर थे मेरा छोरा-छोरी होस्यो। आ बात सऊँ सक्तिसाली परबु खेवै ह।”
जिऊँ तेरो दान ओला म रेह्वै अर तेरो परम-पिता परमेसर तनै देखसी अर जखो तू ओला म दिओ ह बिको फळ तनै देसी।
ईसु बिऊँ बोल्यो, “मेरै हात मना अड़ा क्युं क म हाल ताँई परम-पिता क कनै उपर कोनी गयो हूँ। तू तो अंय्यां कर मेरा भाई-भाणा कनै जा अर बानै बता, ‘म मेरा अर थारा परम-पिता, परमेसर क कनै उपर जार्यो हूँ।’ ”
क्युं क परबु खुदई ईस्बर नगरीऊँ जोरका हेला क सागै आदेस, परधान दुत की ललकार अर परमेसर की तुरई की उवाज क सागै उतरसी, अर मसी म जखा मरग्या बे पेल्या जी उठसी।
स्यांती देबाळो परमेसर खुदई थानै सूल पबितर करै। थारी आत्मा, पिराण अर काया आपणा परबु ईसु मसी क ओज्यु आबा का दिन ताँई बेदाग रेह्वै।
परबु जखो खुद स्यांती को दातार ह बो हर टेम थारै सागै रेह्वै अर थारा हर हाल म थानै स्यांती देवै।
जणा म परमेसर का सिंघासनऊँ एक जोरको हेलो सुण्यो, “देखो! इब परमेसर मिनखा क बिचमै रेह्सी। बाको बास मिनखा क बिचमै होसी। अर बे परमेसर की परजा होसी अर परमेसर खुद बाको परमेसर होसी।